पापों से मुक्ति दिलाने का एक मात्र उपाय है कामदा एकादशी का व्रत

पापों से मुक्ति दिलाने का एक मात्र उपाय है कामदा एकादशी का व्रत

इटारसी। चैत्र मास (Chaitra month) के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi) कहा जाता है। कामदा एकादशी हिंदू नववर्ष की पहली एकादशी होती है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि कामदा एकादशी का व्रत रखने से सभी प्रकार की कामनाओं की पूर्ति होती है। वहीं यदि आप किसी पाप का प्रायश्चित करना चाहते हैं, तो कामदा एकादशी व्रत जरूर रखें। धर्म शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि एकादशी व्रत पापों से मुक्ति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। कामदा एकादशी व्रत के प्रभाव से सभी पापों का नाश होता है। साथ ही प्रेत योनी से भी मुक्ति मिलती है। चैत्र माह की शुरुआत हो गई है और इसी महीने कामदा एकादशी का व्रत भी रखा जाएगा।
मां चामुण्डा दरबार भोपाल (Maa Chamunda Darbar Bhopal) के पुजारी गुरु पंडित रामजीवन दुबे ने बताया की हिंदी पंचांग के अनुसार, इस माह शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 12 अप्रैल दिन मंगलवार को तड़के 04 बजकर 30 मिनट से शुरु होगी और ये तिथि 13 अप्रैल को प्रात: 05 बजकर 02 मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर 12 अप्रैल को कामदा एकादशी व्रत रखा जाएगा। कामदा एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 05 बजकर 59 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 35 मिनट तक है, इसी अवधि में रवि योग भी है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा सर्वार्थ सिद्धि योग में करना बेहद ही फलदायी माना जाता है।

कामदा एकादशी 2022 पारण समय

जो लोग कामदा एकादशी का व्रत रखते हैं वो लोग 13 अप्रैल को पारण करेंगे। 13 अप्रैल को कामदा एकादशी व्रत के पारण का सही समय दोपहर 01 बजकर 39 मिनट से शाम 04 बजकर 12 मिनट तक है।

कामदा एकादशी की पूजा विधि

कामदा एकादशी के दिन भगवान श्री हरि विष्णु को फल, फूल, दूध, तिल, पंचामृत अर्पित करना चाहिए। साथ ही एकादशी व्रत की कथा अवश्य सुननी चाहिए। इसके अलावा रात में भगवान विष्णु की आराधना करें और द्वादशी के दिन ब्राह्मण या किसी गरीब को भोजन कराएं।

कामदा एकादशी व्रत का महत्व

शास्त्रों के अनुसार, कामदा एकादशी व्रत के प्रभाव से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन जो भी जातक श्रद्धा के साथ व्रत रखता है, उसकी सभी मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण होती हैं। इसके अलावा इस व्रत करने से काम, क्रोध, लोभ और मोह जैसे पापों से मुक्ति मिल जाती है। सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। साथ ही भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति को बैकुंठ में स्थान प्राप्त होता है। मंगलवार होने के कारण श्री हनुमान मंदिरों में सुदरकांड, श्री हनुमान चालीसा पाठ के साथ पूजा होगी।

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AUTHORRohit

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