गौमाता की पूजा से अधिक उसकी रक्षा और सेवा की आवश्यकता

गौमाता की पूजा से अधिक उसकी रक्षा और सेवा की आवश्यकता

-कल मंगलवार को मनाया जाएगा रामलला का जन्मोत्सव
इटारसी। श्री द्वारकाधीश (बड़ा) मंदिर (Shri Dwarkadhish (Big) Temple) में श्री रामजन्म महोत्सव (Shri Ram Janma Mahotsav) समिति द्वारा आयोजित श्री रामजन्म महोत्सव के अंतर्गत जारी संगीतमय श्रीराम कथा (Musical Shri Ram Katha) के तृतीय दिवस पर गुना से पधारे सुप्रसिद्ध बाल व्यास शाश्वत जी महाराज ने भगवान के धरा धाम पर आने की कथा विस्तार से सुनायी। साथ ही महाराज जी ने गौ माता की महिमा पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कभी भारत भूमि में गौ माता के दूध का भंडार हुआ करता था लेकिन आज भारत भूमि गाय के खून से लथपथ है। बिना गाय के हमारा धर्म व्यर्थ है, क्योंकि गाय में 33 करोड़ देवी देवता एवं तीर्थ विराजमान हैं। गाय के पंचगव्य से ही हमारे सारे अनुष्ठान पूर्ण होते हैं इसलिए आज गौ माता की पूजा से ज्यादा उसकी रक्षा और सेवा की आवश्यकता है। बाल संत शाश्वत जी ने बताया कि भगवान के धरा धाम पर आने के कई कारण हैं लेकिन तुलसीदास जी (Tulsidas Ji) ने प्रमुख रूप से अपनी रामचरितमानस (Ramcharitmanas) में पांच कारणों का विस्तार से उल्लेख किया है, जिसमें भी नारद मोह (Narad Moh) का कारण विशेष है। कथा व्यास शाश्वत महाराज ने सभी कारणों को बड़े ही रोचक ढंग से जनमानस को श्रवण कराया। इस दौरान संगीतमय भजनों से भक्तजन मंत्रमुग्ध हो गए।
आयोजन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष जसवीर सिंह छाबड़ा ने बताया कि कथा में 5 अप्रैल मंगलवार को भगवान श्री राम लला का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर आमजनों से समिति ने अधिक से अधिक संख्या में पधार कर धर्म लाभ लेने की अपील की। सोमवार को दानसंग्रह समिति के प्रकाश मिश्रा, अशोक खंडेलवाल, देवेंद्र पटेल, सुनील दुबे, ऋषभ दुबे, राजकुमार पहलवान, अमित सेठ, कैलाश रैकवार, विनोद तिवारी, अनिल गेलानी, अजय अग्रवाल, शशांक मालवीय सहित अन्य सदस्यों ने व्यास पीठ का पूजन किया एवं महाराज श्री का स्वागत किया।

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AUTHORRohit

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