कल योगिनी एकादशी व्रत पापों से मुक्ति का महान उपाय
– सर्वार्थ सिद्धि योग में व्रत का शुभारंभ
– व्रत धारी पर बरसेगी श्री हरी की कृपा
इटारसी। कल आज आषाढ़ कृष्ण पक्ष योगनी एकादशी शुक्रवार 24 जून का व्रत भक्तों द्वारा किया जाएगा। योगिनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु का संकल्प लेकर रखा जावेगा।
योगिनी एकादशी शुभ मुहूर्त-
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:56 से 12:51 दोपहर तक।
विजय मुहूर्त-दिन 02:43 से 03:39 तक।
गोधूलि मुहूर्त- शाम 07:09 से 07:33 तक।
मां चामुण्डा दरबार भोपाल के पुजारी गुरु पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि इस व्रत का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इसके बाद देवशयनी एकादशी का व्रत रखा जावेगा। देवशयनी एकादशी के बाद भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। जिसे चौमासा या चतुर्मास कहा जाता है, इस काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस दिन जो भी भक्तिभाव से श्री हरि विष्णु का पूजन करते हैं और व्रत कथा का पाठ करते हैं उसके समस्त पाप नष्ट हो जायेगे तथा वो श्री हरि की शरण को प्राप्त करता है।
योगिनी एकादशी व्रत कथा-
प्राचीन काल में अलकापुरी नगर में राजा कुबेर के यहां हेम नाम का एक माली रहता था। उसका काम हर दिन भगवान शिव के पूजन के लिए मानसरोवर से पुष्प लाना था। एक दिन उसे अपनी पत्नी के साथ स्वछन्द विहार करने के कारण फूल लाने में बहुत देर हो गई। वह दरबार में देरी से पहुंचा। इस बात से क्रोधित होकर कुबेर ने उसे कोढ़ी होने का श्राप दे दिया। श्राप के प्रभाव से हेम माली इधर-उधर भटकता रहा और एक दिन दैवयोग से मार्कण्डेय ऋषि के आश्रम में जा पहुंचा। ऋषि ने अपने योग बल से उसके दुखी होने का कारण जान लिया। तब उन्होंने उसे योगिनी एकादशी का व्रत करने को कहा। व्रत के प्रभाव से हेम माली का कोढ़ समाप्त हो गया और उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई।