भावपूर्ण भक्ति से परमात्मा प्रसन्न होते: तिवारी

भावपूर्ण भक्ति से परमात्मा प्रसन्न होते: तिवारी

इटारसी। नाला मोहल्ला (Nala Mohaala) में महिला मंडल द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में कथा वाचक पं. महेन्द्र तिवारी ने कहा कि परमात्मा की भक्ति में उम्र का कोई प्रावधान नहीं है। भक्ति में सामथ्र्य और विश्वास होना चाहिए। भावपूर्ण भक्ति से ही परमात्मा प्रसन्न होते हैं। श्रीमद् भागवत कथा में पं.महेंद्र तिवारी ने ध्रुव चरित्र की कथा सुनाई। कपिल अवतार, धु्रव चरित्र, सृष्टि की रचना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, मनुष्य जीवन आदमी को बार-बार नहीं मिलता है, इसलिए इस कलयुग में दया, धर्म, भगवान के स्मरण से ही सारी योनियों को पार करता है। मनुष्य जीवन का महत्व समझते हुए कहा कि भगवान की भक्ति में अधिक से अधिक समय देना चाहिए। उन्होंने बताया कि, भगवान विष्णु ने पांचवा अवतार कपिल मुनि के रूप में लिया। उन्होंने बताया कि, किसी भी काम को करने के लिए मन में विश्वास होना चाहिए तो कभी भी जीवन में असफल नहीं होंगे। जीवन को सफल बनाने के लिए कथा श्रवण करने से जन्मों का पाप कट जाता है।

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