गुफ्ती मारने वाले आरोपी को 3 वर्ष सश्रम कारावास एवं जुर्माना

गुफ्ती मारने वाले आरोपी को 3 वर्ष सश्रम कारावास एवं जुर्माना

इटारसी। द्वितीय सत्र न्यायाधीश इटारसी ने ईडब्ल्यूएस न्यास कॉलोनी इटारसी निवासी सागर तिवारी पिता महेंद्र तिवारी उम्र लगभग 24 वर्ष को फरियादी अंशुल पटेल से शराब पीने के लिए पैसों की मांग करने एवं उद्या पित्त करने तथा उसे गुप्ती से बाईं पसली में चोट पहुंचाने का दोषी पाते हुए भारतीय दंड विधान की धारा 327 के आरोप में 2 वर्ष के सश्रम कारावास एवं ₹3000 जुर्माने से दंडित किया है। इसके अलावा आरोपी को धारा 326 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹5000 के अर्थदंड से दंडित किया गया है ।

अर्थदंड अदा नहीं किए जाने पर दोनों धाराओं में क्रम शः 3 माह एवं 4 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास और भुगतना होगा प्रकरण में पैरवी करने वाले अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने बताया कि फरियादी अंशुल पटेल ने को थाना इटारसी में उपस्थित होकर एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह जय स्तंभ चौक इटारसी के पास अपने पिता की टेलरिग की दुकान में कार्य करता है । 13 दिसंबर 2015 को वह गौरव द्विवेदी की बारात में न्यास कॉलोनी में शामिल था। साईं बाबा मंदिर के पास प्रेस की दुकान पर रात के करीब 9:30 बजे सागर तिवारी ने हाथ अडाकर उसे रोका। उस समय उसके साथी आकाश चौधरी और संदीप मेहरा भी मौजूद थे, जिन्होंने सागर तिवारी से पूछा क्या बात है तो आरोपी ने शराब पीने के लिए पैसे मांगे। अंशुल ने कहा मेरे पास पैसे नहीं है तो आरोपी बोला पैसा नहीं देगा तो आज तुझे जान से खत्म कर देता हूं और अपने पास रखी हुई गुप्ति उसके पेट में जान से मारने की नियत से मार दी, वह तिरछा हुआ तो गुप्ती बायी पसली से पेट में घुस गई। सागर तिवारी को उसके दोनों साथी पकड़ने लगे तो उन्हें जान से मारने की धमकी देता हुआ वहां से भाग गया था। इस घटना की रिपोर्ट थाना इटारसी में की गई थी जिसके आधार पर आरोपी सागर तिवारी के विरुद्ध धारा 307 ,506 भारतीय दंड विधान एवं 25 आर्म्स एक्ट के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। जिस का विचारण
द्वितीय अपर सत्र न्यायालय द्वारा किया जा कर आरोपी को दोषी ठहराया है ।अभियोजन की ओर से एजीपी राजीव शुक्ला एवं एजीपी भूरे सिंह भदोरिया ने 9 साक्ष्यों का परीक्षण कराया बचाव पक्ष की ओर से एक साक्षी का परीक्षण कराया गया था ।इस प्रकरण में आरोपी सागर तिवारी पूर्व से जमानत पर है इसलिए उसे एक महिने की अंतरिम जमानत अपील करने हेतु न्यायालय द्वारा प्रदान की गई है। इस प्रकरण में संपूर्ण पैरवी शासन की ओर से एजीपी राजीव शुक्ला एवं भूरे सिंह भदोरिया एजीपी के द्वारा की गई है।

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AUTHORRohit

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