9 वर्ष पूर्व हुई हत्या के आरोपियों को कठोर आजीवन कारावास की सजा
होशंगाबाद। करीब 9 वर्ष पूर्व हुई एक हत्या के एक दर्जन आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।
विशेष न्यायाधीश जेपी सिंह (JP Singh) ने निर्णय पारित किया जिसमें थाना इटारसी के अपराध 671/12 धारा 302, 307, 147, 148, 149, 323 भादवि एवं धारा 25,27 आम्र्स एक्ट तथा धारा 3(2)(5) एससी एसटी एक्ट में निर्णय दिया है।
कोर्ट ने आरोपी ललित उर्फ कल्लू यादव आत्मज देवकी नंदन निवासी तीन बंगला इटारसी, शिब्बू उर्फ तौफिक अहमद आ. अब्दुल हमीद तीन बंगला इटारसी, राहुल उर्फ तुलसीराम आत्मज गणेशराम पथरौट तीन बंगला इटारसी, लल्लू उर्फ अशोक आ. गोरेलाल पथरोट तीन बंगला इटारसी, राहुल उर्फ नितिन उर्फ बंटी पथरौट पिता गणेशराम पथरैाट तीन बंगला इटारसी, शशिकांत उर्फ शशिक पिता गोरेलाल पथरोट तीन बंगला इटारसी, सिकंदर पथरौट पिता रमेश पथरोट चेतन नगर इटारसी, सुरेश उर्फ गोरा पिता सिरिया पथरोट चेतन नगर इटारसी, उमेश सिहोते उर्फ टीपू पिता पिता मूलचंद सिहोते तीन बंगला इटारसी, मोहित कामले उर्फ छोटेलाल पिता कैलाश चेतन नगर इटारसी, सोनू उर्फ सोहन पिता रमेश पथरोट चेतन नगर इटारसी, संजय उर्फ सोनू सिहोते पिता मूलचंद सिहोते को हत्या के दोषी मानते हुए कठोर आजीवन कारावास एवं 1-1 हजार रुपए का जुर्माना और 324,149 भादवि में एक वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई गयी।
मामले में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजन केशव सिंह चौहान (Keshav Singh Chauhan) ने की है। श्री चौहान ने बताया कि 14 नवंबर 12 को शाम को 08 बजकर 45 मिनट पर फरियादी लोकेश रेल्वे बंगला इटारसी के अपने घर में था। तभी आरोपी द्वारा गवाही देने से मना करने पर रॉड एवं तलवार से उसके ऊपर हमला कर दिया, जिससे उसके सिर एवं हाथ में चोट लगी। झगड़े की आवाज सुनकर विशाल, रोशन एवं शुभम बकोरिया बीच बचाव करने आये तो आरोपियों ने एकराय होकर जान से मारने की नीयत से उनके सिर, पैर व हाथ में गंभीर चोट पहुंचायी। शिवम बकोरिया को गंभीर चोट आने पर हमीदिया अस्पताल रैफर किया, जहां गंभीर हालत में उपचार के दौरान 15 नवंबर 12 रात 01 बजे शिवम की मृत्यु हो गयी। प्रकरण में रिपोर्ट फरियादी लोकेश ने इटारसी थाने में दर्ज करायी थी। फरियादी की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर विवेचना दर्ज कर अभियोगपत्र न्यायालय में दर्ज किया। जिसका एसटीएटी क्र. 73/13 में आज न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को कठोर आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया।