एसटीआर में आज पुन: गंभीर घायल बाघ की मौत

एसटीआर में आज पुन: गंभीर घायल बाघ की मौत

इटारसी। सतपुड़ा टायगर रिजर्व (Satpura Tiger Reserve) में कल एक मादा बाघ (Female Tiger) शावक का शव मिलने के बाद आज पुन: एक बाघ घायल अवस्था में मिला है, जो नर है और उसकी हालत गंभीर है।
क्षेत्र संचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व एल कृष्णमूर्ति (Area Director Satpura Tiger Reserve L Krishnamurthy) ने बताया कि आज सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अंतर्गत पूर्व पचमढ़ी (Pachmarhi Range) परिक्षेत्र के मोगरा बीट कक्ष क्रमांक 226 में गश्ती के दौरान पुन: एक नर बाघ बेहद गंभीर रूप से घायल तथा लगभग मरणासन्न अवस्था में पाया गया। कल बाघ शावक की मौत के बाद प्रबंधन ने रातों रात पार्क के सारे हाथी (Elephant) मोगरा बुलाए तथा सवेरे तड़के हाथियों के दलों के साथ कर्मचारियों को अलग-अलग स्थानों पर सर्चिंग के लिए रवाना किया। खोज करने के बाद बाघ शावक की मृत्यु वाले स्थान से लगभग 700 मीटर की दूरी पर एक नर बाघ घायल अवस्था में लेटा हुआ दिखाई दिया।
गंभीर चोटों के कारण बाघ को तत्काल बेहोश कर वन विहार भेजने का निर्णय लिया गया। बाघ के पास जाने पर तथा डार्ट मारने पर उसके द्वारा किसी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं की गई। बाघ इतना अधिक घायल था कि उसे किसी भी तरह की दवा का कोई असर नहीं हुआ तथा उसने पिंजरे में ही दम तोड़ दिया।
क्षेत्र संचालक तथा उप संचालक की उपस्थिति में वन्यप्राणी चिकित्सकों के दल द्वारा बाघ का पोस्टमार्टम एनटीसीए के प्रोटोकोल अनुसार किया गया। पोस्टमोर्टम में बाघ के गले पर, आगे के दोनों पैरों पर तथा सारे शरीर पर जगह-जगह चोट के निशान पाए गए, साथ ही बाघ का एक केनाईन दांत भी टूटा पाया गया। पोस्टमार्टम के बाद बाघ के शव को सभी वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में जला दिया गया। पूरी प्रक्रिया के दौरान एनटीसीए तथा डब्लूसीटी के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।
क्षेत्र संचालक एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि प्रथम दृष्टया चोटों के निशान देखकर प्रतीत होता है कि टेरीटरी फाईट में बाघों की लड़ाई के दौरान इस बाघ की मृत्यु हुई है। बाघ को अपना इलाक़ा बचाने के लिये कई बार दूसरे बाघों से लडऩा पड़ता है।

 
 
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AUTHORRohit

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