इटारसी। आज सावन (Sawan) महीने का पहला सोमवार है। सावन सोमवार पर व्रत रखना और भगवान शिव (Lord Shiva) की पूजा-आराधना करना विशेष फलदायी माना गया है। आज सुबह से ही शिव मंदिर (Shiva Temple) में भक्तों की बड़ी संख्या पहुंची है। शिवभक्तों ने भोले भंडारी का जलाभिषेक किया।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, श्रावण मास सभी महीनों की तुलना में सबसे पवित्र महीनों में से एक है। यह हिंदू कैलेंडर का पांचवां महीना है। ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में सृष्टि के संचालन कत्र्ता भगवान विष्णु (Lord Vishnu) चार महीने के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं। ऐसे में सृष्टि के संचालन का उत्तरदायित्व भगवान भोले ग्रहण करते हैं। इसलिए सावन महीने के देवता भगवान शिव बन जाते हैं और इस पूरे महीने भक्त शिव जी की पूजा करते हैं। इस महीने में, प्रत्येक सोमवार को श्रावण सोमवार के रूप में जाना जाता है। सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है क्योंकि इसे बहुत शुभ माना जाता है।
ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति इस महीने में सोमवार का व्रत करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं भगवान शिव की कृपा से पूरी होती हैं। इसी तारतम्य में आचार्य पंडित विकास शर्मा (Acharya Pandit Vikas Sharma) के मार्गदर्शन में वेद विधा के कुशल मर्मज्ञ ब्राह्मणों द्वारा भगवान भोलेनाथ के दिव्य स्वरूपो का सांगोपांग विधि से महाभिषेक विभिन्न वन्य औषधियों एवं रसो के साथ पंचामृत आदि से सहस्त्राभिषेक संगीतमय स्तुति आराधना वेद ध्वनि आरती कीर्तन आदि से शिव उपासना का अद्वितीय अनुष्ठान प्रारंभ है, जिसमें आचार्य पं. बृजेन्द्र तिवारी पं. विनय भार्गव, पं. केशरी नंदन तिवारी, पं. मोहित पांडे, पं. अमन द्विवेदी, पं. रोहित पांडे, नीरज मिश्रा, पं. सत्येन्द्र पांडे आदि अनेकों विप्र उपस्थित हुए।