जय स्तंभ चौक पर व्यापारियों ने उड़ाई सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
प्रशासन द्वारा की जा रही सख्ती से नाराज हैं व्यापारी
इटारसी। मिलावट से मुक्ति अभियान (Adulteration campaign), अतिक्रमण विरोधी मुहिम और कोरोना के गाइड लाइन का पालन कराने बाजार में निकल रहे प्रशासन की सख्ती से व्यापारी खफा हैं और आज व्यापारी विरोध प्रकट करने के लिए जयस्तंभ पर बड़ी संख्या में एकत्र हुए। अपनी बात रखने के लिए जुटे व्यापारियों में कुछ ने तो मास्क भी नहीं लगाया था, कुछ ने केवल लटकाया था। भीड़ थी तो सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) जैसी बात बेमानी ही थी। लेकिन, प्रशासन की पिछली कुछ सख्त कार्रवाई को व्यापारियों से दुव्र्यवहार बताते हुए आज संयुक्त व्यापार महासंघ के बैनर तले व्यापारियों ने एसडीओ राजस्व और पुलिस प्रशासन को व्यापारियों के प्रति अपना व्यवहार सुधारने के लिए आदेशित करने कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन अतिरिक्त तहसीलदार निधि पटेल (Additional Tehsildar Nidhi Patel) को सौंपा।
ये है व्यापारियों का मत
संयुक्त व्यापार महासंघ से जुड़े व्यापारियों ने ज्ञापन में कहा कि कोरोना से बचाव के लिए स्वयं व्यापारियों ने रात 9 बजे तक बाजार बंद करने का निर्णय आपदा प्रबंधन की बैठक में लिया था। किन्तु प्रशासन और पुलिस रात 9 बजे तक दुकान बंद कराने, मास्क पहनने हेतु व्यापारियों से अभद्रता कर रही है तथा आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया जा रहा है। अतिक्रमण हटाओ (Remove encroachment) मुहिम में भी दुकानदारों को चेतावनी अथवा जुर्माना करने की अपेक्षा अपमानजनक एवं अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया जा रहा है और अकारण घंटों थाने में भी ले जाकर बिठाया जा रहा है।
ये बोले एसडीएम
एसडीओ राजस्व मदन सिंह रघुवंशी (SDO Revenue Madan Singh Raghuvanshi) ने कहा कि बहुत गंभीर स्थिति है, एक दिन में जहां 40 मरीज आ रहे हैं। इतनी सख्ती करने के बाद भी, और इस चीज को अगर व्यापारी अन्यथा लें तो यह दुर्भाग्य है। उनको खुद को आगे आकर व्यवस्था संभालना चाहिए, मेरा निवेदन है कि वे खुद आगे आएं और जो प्रतिनिधि आज ज्ञापन देने आए थे उनको चाहिए कि वे व्यवस्था संभालें, नहीं तो यदि कोरोना में किसी की मौत होगी और कोरोना बढ़ेगा तो उसके जिम्मेदार भी वो ही होंगे।
ये बोले व्यापारियों के नेता
संयुक्त व्यापार महासंघ के अध्यक्ष दीपक अग्रवाल (Joint Trade Federation President Deepak Agrawal) ने कहा कि विगत कुछ समय से व्यापारियों को गलत ठहराया जा रहा है। हमारा कानून व्यवस्था बनाने, अतिक्रमण करने की कोई शह नहीं है, हम भी चाहते हैं कि शहर साफ रहे, अतिक्रमण मुक्त रहे। व्यापारी टैक्स देते हैं, सहयोग करते हैं, हम गलत काम नहीं करते हैं। ये मानते हैं कि कुछ लोग अतिक्रमण कर लेते हैं, हमारा प्रशासन से कुछ तय भी हुआ है। लेकिन, विगत कुछ समय से व्यापारियों को अपराधियों के तरह व्यवहार किया जा रहा है, गाली गलौच की जा रही, पुलिस आतंकवादी, अपराधी की तरह व्यवहार करती है, यह हम सहन नहीं करेंगे। ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, हॉज पाइप से पुलिस ने मारा है, गालियां दी गई हैं। विगत चार-छह माह हो रही घटना के विरोध में हैं। एसडीएम पालक अधिकारी हैं, आपको संयम का परिचय देना चाहिए।
धर्माधिकारी वाली घटना पर
अग्रवाल ने कहा कि शुक्रवार की घटना के वीडियो मैंने देखे हैं। व्यापारी ने अपनी जगह पर सामान रखा था। उनके पास नाली तक की जमीन का पट्टा है। उन्होंने कागज दिखाने को कहा तो कोई सुनने को तैयार नहीं था। जिनके पास एक्सपायरी डेट का सामान निकला, उनका कभी समर्थन नहीं किया। यह बड़ा अपराध है, हम कभी सपोर्ट नहीं करते। हमने कभी एसडीएम को फोन नहीं किया। हमारा लॉ एंड ऑर्डर का कोई विरोध नहीं, केवल तरीके का विरोध है। कोरोना केवल व्यापारियों के कारण नहीं फैल रहा है। महाराष्ट्र से बसें आ रहीं, उनको चैक नहीं कर रहे, रेलवे स्टेशन पर स्क्रीनिंग नहीं हो रही है। शादियों, कथा होने से कोरोना नहीं फैल रहा है क्या? हर बात के लिए व्यापारी को दोषी ठहराना उचित नहीं है।