मंडी एक्ट 1972 पूर्ववत लागू, बिना टैक्स व्यापारी नहीं कर सकेंगे कारोबार

मंडी एक्ट 1972 पूर्ववत लागू, बिना टैक्स व्यापारी नहीं कर सकेंगे कारोबार

इटारसी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से नये मंडी अधिनियम में स्थगन के बाद मप्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने मंडी एक्ट 1972 (Mandi Act 1972) को पूर्ववत लागू कर दिया है। अब व्यापारी बिना लायसेंस उपज की खरीद नहीं कर सकेंगे और मंडी निरीक्षक उनके कार्यस्थल यानी मंडी प्रांगण से बाहर भी टैक्स ले सकेंगे। कुल जमा व्यापारियों को अब टैक्स देना होगा, चाहे वे मंडी के भीतर व्यापार करें या फिर बाहर। इस आशय के निर्देश मंडी बोर्ड (Mandi Board) से प्रदेश की मंडियों में पहुंच गये हैं।
मप्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड (MP State Agricultural Marketing Board) भोपाल के पत्र के अनुसार सचिव इटारसी कृषि उपज मंडी उमेश बसेडिय़ा शर्मा (Agricultural Produce Market Umesh Basedia Sharma) ने भी आदेश निकाले हैं। मंडी के समस्त कर्मचारियों, न्यू ग्रेन एण्ड सीड्स मर्चेन्ट एसोसिएशन, समस्त लायसेंसधारी खरीद केन्द्र और व्यापारियों को भी इसकी सूचना दे दी गयी है।

ये है आदेश में
रिट याचिका क्रमांक 1118/2020 में सर्वोच्च न्यायालय के पारित आदेश 12 जनवरी 2021 के अनुसार केन्द्रीय कृषि अधिनियमों पर स्थगन दिया है। साथ ही केन्द्र सरकार कृषि तथा मप्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड अपर संचालक के आदेश के तहत मंडी अधिनियम पूर्ववत लागू हो गया है। सचिव बसेडिय़ा ने समस्त कर्मचारियों को निर्देशत किया है कि वे मंडी प्रांगण के बाहर अधिनियम 1972 के अंतर्गत कर अपवंचन की कार्रवाही करें और प्रकरण तैयार करके प्रस्तुत करें। अब व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर भी पूर्व की तरह जांच की जा सकती है। व्यापारियों को भी अब खरीद के लिए लायसेंस लेना अनिवार्य होगा और सौदा पत्रक जारी करके खरीद हो सकेगी।

आदर्श मंडी की योजना पर असर नहीं
इस नये आदेश के बावजूद आदर्श मंडी की व्यवस्था पर असर नहीं होगा, ऐसा माना जा रहा है। दरअसल, आदर्श मंडी की व्यवस्था से मंडियों की आय बढ़ेगी और आर्थिक मजबूती ही मिलेगी। दरअसल प्रदेश की ए-श्रेणी की 25 मंडियों में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत पेट्रोल पंप, शॉपिंग मॉल, मनोरंजन गृह जैसी सुविधाएं देने की योजना है। नये आदेश से इस योजना पर कोई असर नहीं होगा, ऐसी उम्मीद की जा रही है।

इनका कहना है…
12 जनवरी से सुप्रीम कोर्ट में मॉडल एक्ट पर स्थगन दे दिया है। अब व्यापारियों को पुरानी व्यवस्था के अनुसार काम करना होगा। अब हम उनके प्रतिष्ठान पर जाकर भी निरीक्षण कर सकते हैं। अब बाहर भी सौदा पत्रक के माध्यम से काम करेंगे और टैक्स देना होगा, टैक्स फ्री नहीं होगा। इसके साथ ही लायसेंस लेना भी जरूरी है।
उमेश बसेडिय़ा शर्मा (Umesh Basedia Sharma, Secretary)

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