जिले में 4 सौ करोड़ से बनेगा कैंसर अस्पताल
नो प्राॅफिट, नो लाॅस के सिद्धांत पर काम करेगा अस्पताल
विश्व स्तर की सुविधाएं जुटायी जाएंगी इस अस्पताल में
भोपाल/ईटारसी। होशंगाबाद जिले में करीब 400 करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय से प्रदेश का अपनी तरह का इकलौता कैंसर हॉस्पिटल (cancer hospital) बनेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री की केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान (Entrepreneurship Minister Dharmendra Pradhan) से चर्चा भी हो चुकी है। यह बात खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने आज उनसे मिलने आए हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Hindustan Petroleum Corporation Limited) के निदेशक मानव संसाधन पुष्प जोशी से चर्चा में कही।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश के बड़े नगरों में कैंसर के उपचार के साथ ही जिला मुख्यालयों में भी आवश्यक अधोसंरचना के विकास के प्रयास किए जा रहे हैं। इस क्रम में होशंगाबाद में करीब 400 करोड़ रूपए के पूंजीगत व्यय से कैंसर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल (Cancer Specialty Hospital) की स्थापना के संबंध में केन्द्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंन्द्र प्रधान से भी चर्चा हुई है। होशंगाबाद में इसके लिए आवश्यक फीजिबिलिटी स्टडी की जा रही है। प्रस्ताव के अनुसार 100 बिस्तरीय सुसज्जित स्टेट ऑफ आर्ट कैंसर अस्पताल प्रदेश में अपनी तरह का एकमात्र अस्पताल होगा जो अन्य जिलों के लिए रेफरल सेंटर का कार्य करेगा। यही नहीं कैंसर के उपचार संबंधी प्रशिक्षण भी यहां उपलब्ध रहेगा। प्रमुख रूप से कैथ लैब कार्डियक सर्जरी, ओ.टी., कीमोथैरेपी, रेडियोलॉजी की सुविधाएं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की होंगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में नागरिकों के हित में अन्य रोगों के बेहतर उपचार के साथ ही कैंसर जैसे रोग के नियंत्रण और उपचार के लिए भी निरंतर प्रयास किए जाएंगे। प्रदेश में स्थापित होने वाले कैंसर अस्पतालों को राज्य शासन द्वारा सभी सुविधाएँ दी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने पुष्प जोशी से चर्चा में होशंगाबाद के प्रस्तावित कैंसर अस्पताल में रोगियों के परिजन के रुकने की व्यवस्था, डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए आवासीय क्वार्टर, सीएसआर फंड से अन्य आधारभूत व्यवस्थाओं, शासकीय उपचार योजनाओं की परिधि में आने वाले रोगियों को फ्री चिकित्सा, शेष रोगियों को कम दरों पर उपचार और टाटा मेमोरियल सेंटर से विशेषज्ञों के परामर्श और सहयोग के संबंध में विचार-विमर्श किया। प्रस्ताव के अनुसार यह अस्पताल चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा नो प्रॉफिट नो लॉस के सिद्धांत पर संचालित होगा। ट्रस्ट में तेल क्षेत्र के संस्थानों और राज्य शासन के प्रतिनिधि ट्रस्टी सदस्य होंगे। अनेक दानदाता भी स्वैच्छिक रूप से अस्पताल स्थापना में सहयोग देने के लिए आगे आ रहे हैं।