इटारसी। यदि आप पनीर के शौकीन हैं तो सावधान! बाजार में आपकी थाली पनीर के नाम पर ज़हर परोसा जा रहा है और ज्यादातर बेकरी और अन्य डेयरी में यह जहरीला पनीर आपको थमाया जा रहा है। यदि आपको पनीर पसंद है, तो बेहतर होगा, आप घर पर ही पनीर बनाकर अपना जायका बरकरार रखें अन्यथा आप स्वाद के चक्कर में अपना शरीर खराब कर लेंगे और डॉक्टरों के यहां चक्कर लगाते रहेंगे।
शहर में हर रोज भोपाल से लगभग 1 क्विंटल पनीर की खेप बसों और अन्य माध्यम से उतरती है। देर रात और अलसुबह आने वाली बसों से यह खेप भेजी जाती है, ताकि खाद्य विभाग और अधिकारियों की नजरों से इसे बचाकर बाजार में खपाया जा सके। शहर में नकली पनीर भोपाल और होशंगाबाद से आने वाली बसों के माध्यम से पहुंचता है। यह 230 से 260 रुपये किलो में थोक में बिकता है और फिर रेस्टॉरेंट में, डेयरी, बेकरी के माध्यम से आपके घर और पेट में पहुंचता है जिसकी कीमत कहीं ज्यादा वसूली जाती है।
खाद्य विभाग की अनदेखी
खाद्य एवं औषधि विभाग इसकी ओर से अनभिज्ञ तो नहीं है, अलबत्ता देर रात और अलसुबह का वक्त ऐसा होता है, जब विभागीय अधिकारियों को इसकी भनक भी नहीं लगती और यह बसों से मंजिल को पहुंच जाता है। विभाग को इसकी धरपकड़ के लिए अपने सूत्रों को मजबूत करना होगा और होशंगाबाद बस स्टैंड पर कड़ी निगरानी रखकर वहीं पकडऩा होगा, ताकि वह वहां से आगे ही नहीं बढ़ सके।
शरीर में देता है गंभीर बीमारियां
नकली पनीर आपके शरीर को गंभीर रूप से बीमार बना सकता है। इसके सेवन से पेट से जुड़ी बीमारियों के अलावा, टायफाइड, पीलिया, पेचिस आदि बीमारियां हो सकती हैं। इसके अलावा मिलावटी पनीर खाने से त्वचा रोग भी पनपते हैं। चिकित्सक बताते हैं कि यह बच्चे, बड़े सभी आयु वर्ग के लिए खतरनाक है। लोगों को इनके सेवन से बचना चाहिए। जहां तक हो सके, स्वयं ही पनीर बनाकर खा सकते हैं।
इन तरीकों से करें पहचान
पनीर का टुकड़ा हाथ में मसलकर देखें। अगर यह टूटकर बिखरे तो समझ लीजिए मिलावटी है। क्योंकि इसमें मौजूद ‘स्किम्ड मिल्ड पाउडर’ दबाव नहीं सह पाता। पनीर को पानी में उबाल ठंडा कर लें। ठंडा हो जाए तो उस पर कुछ बूंदें आयोडीन टिंचर की डालें। अगर पनीर का रंग नीला पड़ जाए तो समझ लीजिए कि यह मिलावटी है। नकली पनीर ज्यादा टाइट होता है। उसका टैक्सचर रबड़ की तरह होता है।
इनका कहना है…
इसकी जानकारी लगी है, हम जल्द ही खाद्य एवं औषधि विभाग की टीम को बुलाकर इस दिशा में कार्रवाई करायेंगे।
एमएस रघुवंशी, एसडीएम