इटारसी। करीब 7 साल पहले भूखंड के कूटरचित दस्तावेज तैयार करके बेचने के मामले में पुलिस ने आज नगर पालिका के दो पूर्व कर्मचारियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया है। आज प्रकरण दर्ज करने के बाद इनको इटारसी थाने बुलाया गया था। मामले में एक पूर्व सहायक राजस्व निरीक्षक और 13 वीं लाइन निवासी एक सर्विस प्रोवाइडर के परिजन पर पहले ही प्रकरण दर्ज हो चुका है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सराफा के शंकर रसाल ने अपनी पत्नी शुभांगी रसाल के नाम से एक भूखंड की नगरपालिका से लिया था। इस भूखंड को व्यवसाई परिवार मूल नक्शे में छेड़छाड़ करते हुए प्लॉट नंबर 81 ए बनाकर विक्रय किया था। भूखंड का विक्रय 2017 में हुआ था और इसकी शिकायत वर्ष 2019 में की गई थी। जब जांच हुई तब इस बात का खुलासा हुआ कि भूखंड को कूट रचित दस्तावेज के माध्यम से बेचा है। मामले में पहले पुलिस ने तत्कालीन एआरआई संजीव श्रीवास्तव और राजा सैफी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था मगर फरियादी को दी गई रसीद और नक्शे की जांच का काम अटके होने से दो कर्मचारियों पर प्रकरण दर्ज नहीं हो पाया था। पुलिस इसके लिए हस्ताक्षर विशेषज्ञ की रिपोर्ट का इंतजार कर रही थी।
पिछले दिनों पुलिस को यह रिपोर्ट मिली जिसमें इस बात का खुलासा हुआ कि फरियादी को जो रसीद दी गई थी, उस पर हैंडराइटिंग हरिओम उपाध्याय की थी और जो प्लॉट बनाकर नक्शा दिया था उस पर हस्ताक्षर तत्कालीन राजस्व निरीक्षक संजय दीक्षित के थे। इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने अब इन दोनों को भी मामले में आरोपी बनाया है। इस दोनों को पूछताछ के लिए सिटी थाने लाया गया।
टीआई गौरव सिंह बुंदेला के अनुसार प्लॉट विक्रय के मामले में जो शिकायत हुई थी उसमें चार लोगों के नाम थे। इनमें से तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक संजीव श्रीवास्तव और सर्विस प्रोवाइडर राजा सैफी पर पहले प्रकरण दर्ज हो चुका था। इन दोनों कर्मचारियों की हैंडराइटिंग की जांच रिपोर्ट नहीं मिल पाने से अब तक उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं हो पाया था। हमें अब क्यूडी रिपोर्ट मिली है जिसके बाद दोनों पर प्रकरण दर्ज किया है। उनमें से एक कर्मचारी को इटारसी से और दूसरे को भोपाल से पूछताछ के लिए लाया गया है। पुलिस की पूछताछ के ये भी हो सकता है कि इस मामले में कई और नाम और तथ्य भी सामने आएं।