Category: Bahurang
बहुरंग: इटारसी में महिला लेखन
विनोद कुशवाहा जब से साहित्यिक पत्रिका 'अनाहत' के " महिला लेखन अंक " के प्रकाशन की घोषणा हुई है तभी से हिंदी साहित्य जगत में इसको लेकर चर्चाओं का दौर चल पड़ा । ... Read More
बहुरंग: शहर में साहित्यिक सन्नाटा कभी नहीं रहा
विनोद कुशवाहा एक समय था जब कलमकार परिषद द्वारा पुरानी इटारसी में स्व चांदमल चांद की प्रेरणा से स्व बद्रीप्रसाद वर्मा तुलसी जयंती पर प्रतिवर्ष काव्य गोष्ठी का आयोजन करते थे तो दूसरी ... Read More
बहुरंग – जगत जननी माँ…
विनोद कुशवाहा नवरात्रि में जगत जननी माँ का स्मरण किया जा रहा था। उनकी पूजा, अर्चना, आराधना की जा रही थी। ऐसे में मुझे अपनी माँ का स्मरण होना स्वभाविक था क्योंकि मेरे ... Read More
बहुरंग: तोल मोल के बोल
विनोद कुशवाहा सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एन वी रमना ने छत्तीसगढ़ के निलंबित एडीजी गुरजिंदर की याचिका पर सुनवाई करते हुए (और ज्यादा…) Read More
बहुरंग: पत्रकार फोकट क्लास के नहीं हैं
और अंत में... इटारसी में खुले मेडिकल कॉलेज विनोद कुशवाहा इन दिनों देश की राजनीति में भूचाल आया हुआ है । खेल भी इससे अछूता नहीं रह गया है। (और ज्यादा…) Read More
बहुरंग : मेरे शहर का रंगमंच
- विनोद कुशवाहा : मेरे शहर इटारसी का रंगमंच बहुत समृद्ध रहा है । यहां न केवल नाटकों का प्रदर्शन किया गया बल्कि नुक्कड़ नाटक तक खेले जाते रहे हैं । (और ... Read More
रंगमंचीय कार्यशाला: एक अभिनव प्रयोग
विनोद कुशवाहा इन दिनों इटारसी शहर में अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वाधान में स्थानीय संस्कार मंडपम में स्वाधीनता अमृत तथा हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत् 16 सितम्बर से 30 सितम्बर तक 15 दिवसीय ... Read More
बहुरंग: आजादी के मायने
विनोद कुशवाहा 15 अगस्त आते ही याद आ जाता है बचपन भी । कितना मासूम , कितना प्यारा। आंखें नम हो जाती हैं। (और ज्यादा…) Read More
बहुरंग: भाषा का स्वभाविक सौंदर्य
- विनोद कुशवाहा : विपिन पवार की कहानियों के संग्रह 'पीली रोशनी का समंदर' में ... Read More
बहुरंग: तेरी दोस्ती से मिली है मेरे वजूद को ये शोहरत
विनोद कुशवाहा/ आज रविवार है और दिन है " नर्मदांचल " के लोकप्रिय कॉलम ' बहुरंग ' का। ... इस सबसे बढ़कर बात ये है कि आज " फ़्रेंड्शिप डे " भी है। ... Read More