इटारसी। शासकीय कन्या महाविद्यालय इटारसी में सभी प्राध्यापकों एवं छात्राओं की उपस्थिति में मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस, बसंत पंचमी उत्सव एवं महाकवि निराला का जन्मदिवस मनाया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन, माल्यार्पण एवं पूजन से किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ आर एस मेहरा ने सभी छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बसंत वास्तव में एक यात्रा है, ठिठुरन से ऊर्जा की, पतझड़ से सृजन की, कमजोर शिराओं में शक्ति के संचार की। अतः छात्राओं को अपने शैक्षणिक जीवन में शक्ति को संचित करने का संकल्प लेना चाहिए।
डॉ. संजय आर्य ने कहा कि मान्यताओं के अनुसार इस ऋतु से पुराने वर्ष का अंत और नए वर्ष की शुरुआत होती है यह उत्सव पर्यावरण में आने वाले बदलाव का सूचक भी है ।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ. शिरीष परसाई कहा कि विद्या एवं ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती के जन्मोत्सव पर छात्राएं, प्रकृति में होने वाले सकारात्मक परिवर्तन से ऊर्जा प्राप्त कर शैक्षणिक जीवन को समृद्ध बना सकती हैं।
अमित पांडे ने कहा कि बसंत ऋतु एवं निराला दोनों नवप्रवर्तन के प्रतीक हैं। श्री स्नेधहांशु ने कहा कि विद्यार्थियों को आज बसंत पंचमी के अवसर पर दृढ़ संकल्पित होकर पूर्ण मनोयोग से शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। डॉ. शिखा गुप्ता ने कहा कि बसंत पंचमी विद्या की देवी मां सरस्वती के पूजन अर्चन का दिन है। बसंत ऋतु का आगमन प्रकृति के परिवर्तन का संकेत है।
डॉ. शिरीष परसाई ने काव्यक पाठ तथा हेमंत गोहिया ने गीत ”वीणावादनी” प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अनेक छात्राओं ने भाषण व गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में डॉ. हरप्रीत रंधावा, श्रीमती मंजरी अवस्थी, श्रीमती पूनम साहू, डॉ. मुकेश चंद्र बिष्ट, डॉ. श्रद्धा जैन, कु. तरुणा तिवारी, कु. क्षमा वर्मा, कु. रश्मि मेहरा, एन आर मालवीय, एस के मालवीय, कु. प्रिया कलोसिया, कु. सरिता मेहरा, राजेश कुशवाह एवं छात्राऐं उपस्थित थी।