चुनावी चौपाल : पल-पल बदल रहे समीकरण…दिलचस्प हो रहा वार्ड 15

Post by: Manju Thakur

राजनीतिक चर्चाओं में पहली पायदान पर है वार्ड

कांग्रेस की सूची जारी होने में देरी की भी है चर्चा

इटारसी। भाजपा की राजनीति में ‘नेता’ के संबोधन वाले पूर्व विधायक प्रतिनिधि कल्पेश अग्रवाल को चुनाव से पूर्व ही मुश्किलों के दौर से गुजरना पड़ रहा है। कभी विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा के सर्वाधिक निकट माने जाने वाले कल्पेश अग्रवाल ‘नेता’ की बीते करीब दो वर्ष से विधायक से दूरी इस नगर पालिका चुनाव में बड़ा फासला बन जाएगी, ऐसा किसी ने सोचा नहीं था। हालांकि राजनीति में समीकरण बदलते देर नहीं लगती।
चर्चाएं थीं, कि वार्ड 15 की टिकट के वक्त वर्तमान में विधायक प्रतिनिधि जगदीश मालवीय के पक्ष में विधायक ने सारे समीकरण जमा लिये थे, लेकिन ऐन वक्त पर नेता ने भी 15 नंबर पर दांव खेल दिया।
बस, यहीं से महीन सी लकीर गाढ़ी होती गयी और आखिरकार नेता ने अपनी उंगली वैसे ही जमाये रखी, जैसे अंगद ने पैर जमाया था। टिकट नेता के पक्ष में आयी। इसे राजनीतिक मायनों में जीत-हार से जोड़कर देखा जा रहा है। टिकट की पहली बाजी नेता के पक्ष में रही, लेकिन क्या नेता इस जीत के सिलसिले को चुनावी जीत तक ले जा पाएंगे? अब इस पर भी चर्चाएं आम हैं। राजनीतिक चर्चाओं में पहले पायदान पर वार्ड 15 ही है और हर जगह जहां सियासी गुफ्तगूं होगी, वार्ड 15 इससे अछूता नहीं होगा। तो बताते हैं कि बाजार में जहां चार लोग मिलकर नगर पालिका चुनाव की चर्चा करते हैं तो पहली होती है, वार्ड 15 की चर्चा और अपने-अपने दावे। दूसरे नंबर पर आती है कांग्रेस के टिकट वितरण में होने वाली देरी।
वार्ड 15 में राजनीतिक अनुमानों का सिलसिला पहले यज्ञदत्त गौर के अचानक नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने से प्रारंभ हुआ। लोगों ने अपने-अपने कयास लगाये। किसी ने कहा, नेता को घेरने की रणनीति तैयार की जा रही है। कभी नेता के धुर विरोधी रहे यज्ञदत्त गौर अचानक कैसे वार्ड 15 में प्रकट हो गये, जबकि उनकी रुचि तो वार्ड 11 से चुनाव लडऩे की थी। (हालांकि यज्ञदत्त गौर ने कभी यहां से चुनाव लडऩे के लिए सार्वजनिक बयान नहीं दिया।) यहां से पहले दो नाम चल रहे थे, यज्ञदत्त गौर और विवेक मालवीय। पार्टी ने दोनों को छोड़ पहले भी इसी वार्ड के हिस्से से, जब यह वार्ड 30 में आता था, चुनाव लड़ चुके अमित विश्वास को वरीयता दी। सोशल मीडिया पर यज्ञदत्त लालू गौर की टिप्पणी से जाहिर हो गया कि वे वार्ड 11 से चुनाव लडऩे के लिए तत्पर थे। उनकी टिप्पणी को उनकी टिकट न मिलने की नाराजी के तौर पर देखा जा रहा था। अब चूंकि अधिकृत प्रत्याशी घोषित होने के बाद यज्ञदत्त गौर ने जब वार्ड 15 से नामांकन दाखिल किया तो कयासों को पंख लगे और पूछने पर लालू गौर ने मंझे हुए नेता की तरह जवाब दिया कि वे पार्टी के सिपाही हैं, जैसे आदेश होगा, वह करेंगे।
नेता को घेरने, के लिए रणनीति का संकेत आज उस वक्त पुन: मिला जब नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा के दौरान नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पंकज राठौर ने कल्पेश अग्रवाल के नाम पर नियमों का हवाला देते हुए आपत्ति लगा दी।
हालांकि नेता के समर्थन में वे सभी तहसील कार्यालय पहुंचे थे, जो टिकट की दौड़ के वक्त नेता की पाली की दूसरी तरफ खड़े थे। स्वयं 15 से टिकट की चाहत रखने वाले और वर्तमान में वार्ड 16 से चुनाव मैदान में उतरे जगदीश मालवीय भी आज नेता के समर्थन में दिखाई दिये। आखिरकार कल्पेश अग्रवाल के विरुद्ध लगायी गयी आपत्ति को दोनों पक्षों और कल्पेश अग्रवाल का जवाब मिलने के बाद खारिज कर दिया। अब नेता भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी के रूप में वार्ड 15 से चुनाव लड़ेंगे। हालांकि राह अभी आसान नहीं है, इस वार्ड से यज्ञदत्त गौर ‘यदि’ नाम वापस नहीं लेते हैं तो भाजपा के वोट बंटेंगे और इसका फायदा कांग्रेस को हो सकता है। इस वार्ड में ऊंट किस करवट बैठता है, यह चुनाव के दौरान भी पता चल सकता है।

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