निजी स्कूलों को आरटीई फीस (RTE Fess) का भुगतान किया जायेगा-स्कूल शिक्षा मंत्री श्री परमार
भोपाल। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (School Education Minister Inder Singh Parmar) ने कहा कि अशासकीय विद्यालयों को आरटीई फीस का भुगतान पात्रतानुसार किया जायेगा और भुगतान में हुए विलम्ब के कारणों का भी निराकरण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मान्यता के नवीनीकरण का शुल्क फिलहाल नहीं लिया जा रहा है। निजी स्कूल सुविधानुसार किश्तों में शुल्क जमा कर सकते हैं।
परमार आज मंत्रालय में आयोजित बैठक में अशासकीय विद्यालयों के संघों के पदाधिकारियों के साथ चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कोविड-19 वायरस के संक्रमण के चलते उत्पन्न परिस्थितियों में अशासकीय विद्यालयों के संचालन और इसमें आने वाली समस्याओं के संबंध में चर्चा की। श्री परमार ने कहा कि कोविड की रोकथाम और बच्चों को इससे बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग तथा अन्य सावधानियों का पूरा पालन सुनिश्चित किया जाये।
मंत्री परमार ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) के निर्देशानुसार स्कूलों में कक्षा-1 से 8वीं तक की कक्षाएँ 31 मार्च तक बंद रहेंगी, तथापि प्रोजेक्ट के आधार पर मूल्यांकन कर बच्चों को अगली कक्षा में प्रवेश दिया जायेगा। पाँचवीं और आठवीं की बोर्ड पेटर्न (Board pattern) पर आधारित परीक्षाएँ इस वर्ष आयोजित नहीं होंगी। कक्षा-10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएँ ली जायेंगी, जिनकी कक्षाएँ शीघ्र प्रारंभ होंगी। कक्षा-9 और 11 के विद्यार्थियों को सप्ताह में एक या दो दिन स्कूल बुलाया जा सकेगा।
मंत्री परमार ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्कूली बच्चों के आधार सत्यापन और मैपिंग का कार्य सत्र के अंत तक पूरा कर लिया जाये, ताकि आरटीई फीस के भुगतान में विलम्ब न हो। श्री परमार ने स्कूली बच्चों के अभिभावकों से आग्रह किया कि कोविड के चलते जिस अवधि में निजी विद्यालय बंद रहे हैं, उस अवधि की ट्यूशन फीस का भुगतान विद्यालय संचालकों को करें।
अशासकीय विद्यालयों के संघ के पदाधिकारियों ने विद्यालय संचालन में आ रही समस्याओं से मंत्री श्री परमार को अवगत कराया। मंत्री श्री परमार ने समस्याओं का शीघ्र निराकरण करने का आश्वासन दिया। बैठक में प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन, सोसायटी फॉर प्रायवेट स्कूल्स डायरेक्टर्स, एमपी बोर्ड प्रायवेट स्कूल एसोसिएशन, अशासकीय शिक्षण संस्था संगठन सहित राज्य के अन्य अशासकीय विद्यालयों के संघों के पदाधिकारीगण उपस्थित थे।