
सीएम की बैठक, कुछ दिनों तक कुछ राज्यों से पोल्ट्री व्यापार बंद रहेगा
भोपाल। मध्यप्रदेश में मुर्गियों में पाए जाने वाले संक्रामक रोग बर्ड फ्लू (Birl Flu) से बचाव, रोकथाम और नियंत्रण के पूरे प्रयास किये जायें। भले ही मध्यप्रदेश में ऐसे मामले नहीं आये हैं। फिर भी एहतियातन सभी सावधानियां बरती जाएं। सीएम चैहान ने कहा कि भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस से जिलों को अवगत करवाया गया है। दक्षिण भारत के केरल सहित सीमावर्ती राज्यों से सीमित अवधि के लिए पोल्ट्री प्रतिबंधित रहेगा। यह अस्थाई रोक एहतियातन लगाई गई है। प्रदेश के कुछ स्थानों कुछ कौवों की मृत्यु की सूचना के बाद सावधानी के तौर पर ये कदम उठाया गया है। जिन जिलों से ऐसे समाचार मिले हैं। वहां रोग होने की पुष्टि भारतीय उच्च सुरक्षा रोग, अनुसंधान प्रयोग शाला से प्रतीक्षित है। इसके पहले सावधानी के तौर पर सम्पूर्ण प्रदेश में रोग के नियंत्रण और शमन के लिये अलर्ट जारी किया गया है।
प्रमुख बिन्दु
कुछ जिलों में कौवों की मृत्यु का समाचार मिलने पर सैम्पल एकत्रीकरण और रोग की रोकथाम और नियंत्रण के लिये कार्रवाई की गई।
बर्ड फ्लू रोग उदभेद करने वाले जिलों में कलेक्टर मार्गदर्शन में पशुपालनए वनए स्वास्थ्य और स्थानीय निकाय के सम्नवित प्रयासों से जरूरी कार्यवाही तत्काल की गई है। भारत सरकार की एडवाइजरी के अनुसार सतर्कता रखी जा रही है।
वर्तमान में सिर्फ कौवों में बर्ड फ्लू के वायरस के संक्रमण की जानकारी मिली है। यह वायरस मुर्गियों में नहीं पाया गया है।
जिलों में विभागीय दल जलाशयों, कुक्कुट प्रक्षेत्रों, कुक्कुट बाजारों में सघन निगरानी रख रहा है।
बर्ड फ्लू संदर्भ में जन जागरूकता के लिये कुक्कुट पालकों और व्यवसायियों को इस रोग से बचाव के लिये आवश्यक जानकारियां दी की जा रही है।
मध्यप्रदेश के जिलों में पोल्ट्री फार्म और बैकयार्ड कुक्कुट में किसी भी प्रकार से मुर्गियों में अप्राकृतिक मृत्यु की सूचना प्राप्त नहीं हुई है। जिलों में पशुपालन विभाग का अमला संपूर्ण सतर्कता बरत रहा है।
कौवों या मुर्गियों में बीमारी या अप्राकृतिक मृत्यु की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल सैंपल एकत्र कर प्रयोगशाला भेजने की कार्यवाही की जाती है। संक्रमित स्थान का डिस इन्फेक्शन और सैनिटाइजेशन जिले के स्थानीय निकाय के सहयोग से किया जाता है। इस प्रोटोकाल से सर्व संबंधितों को अवगत करवाया गया है।
जो लोग मांसाहार करते हैं। उनके लिए यह सावधानी जरूरी है कि मुर्गियों को अच्छे से पका कर उपयोग करेंए इससे मानव स्वास्थ्य को किसी प्रकार का खतरा नहीं है। अभी तक ऐसा कोई प्रकरण भी नहीं आया है। परंतु सावधानी और सतर्कता की आवश्यकता है।