- – वार्ड के नागरिकों ने एसडीएम टी प्रतीक राव से की शिकायत
- – ढाई एकड़ में हो रही प्लाटिंग, नाला भी कॉलोनाइजर ने दबाया
इटारसी। उत्तर बंगलिया में मुस्लिम कब्रिस्तान के पीछे की ओर अवैध कॉलोनी काटी जा रही है। यहां से बहने वाला प्रचलित नाले का आकार और दिशा बदल दिया गया है। कई पुराने पेड़ भी रातों रात काट दिए हैं। क्षेत्र के नागरिकों ने इसकी शिकायत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) को आज एक ज्ञापन सौंपकर की है। आज उत्तर बंगलिया का एक प्रतिनिधि मंडल प्रशिक्षु आईएएस एवं एसडीएम टी प्रतीक राव से मिला और अवैध कॉलोनी पर रोक लगाने की मांग की।
प्रतिनिधि मंडल ने एसडीएम श्री राव से मांग की है कि अवैध कॉलोनी काटने वालों को चिन्हित करते हुए उन पर एफआईआर दर्ज करें और रजिस्ट्रियों पर रोक लगाएं। एसडीएम को अवैध कॉलोनी के फोटोग्राफ दिखाकर बताया गया है, किस तरह यहां पर मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराए बिना प्लाट बेचे जा रहे हैं। साथ ही प्रचलित नाले का आकार अपने फायदे के लिए बदला गया है।
इनका कहना है
मुस्लिम कब्रिस्तान से सटकर करीब ढाई एकड़ में अवैध रूप से कॉलोनी काटी जा रही है। कोई मूलभूत सुविधा यहां नहीं है। पुराने पेड़ भी रातों रात यहां से काट दिए गए। हमने एसडीएम को शिकायत की है और एफआईआर के अलावा रजिस्ट्रियों पर रोक की मांग की है।
बसंत चौहान, नागरिक
अवैध रूप से बड़े एरिया में कॉलोनी काटी जा रही है। वार्ड के 60 प्रतिशत एरिया के पानी निकासी का नाला भी गायब कर दिया गया। एसडीएम से कॉलोनी पर रोक लगाकर एफआईआर करने का आवेदन दिया है और प्रचलित नाले का सीमांकन करते हुए उसे सुचारु करने की बात कही है।
प्रकाश केवट पहलवान, नागरिक
जहां कॉलोनी कट रही है, वहां पुराने पेड़ हुआ करते थे, रातों रात काट दिए गए। उनके ठूंठ दिख रहे हैं बस। नाला भी गायब हो गया है। बहुत संकरी नाली बची है बस। आगे कब्रिस्तान के एंड पाइंट पर भी बह गायब है। एसडीएम को शिकायत की है।
जितेंद्र मालवीय, नागरिक
एसडीएम को आज ज्ञापन सौंपकर अवैध कॉलोनी पर रोक लगाने की मांग की है। साथ ही नाले का सीमांकन कराने की मांग भी की गई है। यहां प्रचलित नाला था, जिसे दबा दिया गया है।
दिनेश जायसवाल, नागरिक
रजिस्ट्री पर रोक इसलिए जरूरी
- अवैध कॉलोनी काटने वाले चालाक लोग अपना फायदा निकालकर भोलेभाले नागरिकों को प्लाट की रजिस्ट्री करा देते हैं। जब प्लाट की रजिस्ट्री हो जाती है जब नागरिक फंस जाता है, उसके पास कोई विकल्प नहीं बचता।
- अवैध कॉलोनी पर खेतीहर भूमि प्लाट का डायवर्सन नहीं होता। अवैध कॉलोनी पर नगरपालिका मकान बनाने के लिए नक्शा पास नहीं करती। जिससे प्लाट मालिक को बैंक लोन नहीं मिलता।
- नगरपालिका या ग्राम पंचायत यहां सड़क, नाली, पानी व अन्य सुविधा उपलब्ध नहीं करा पाती। अवैध कॉलोनी में बसे लोग कुछ समय बाद नेताओं पर दबाव बनाते हैं सुविधाएं उपलब्ध कराने और सुविधाएं नहीं देने पर वोट नहीं देने की ब्लेकमेलिंग करते हैं।
- वोट के लालच में नेता भी नियम विरुद्ध जाकर ऐसे स्थानों पर विकास कार्य कराते हैं। अब तक ऐसा ही होता आया है, अवैध कॉलोनी काटते वक्त सख्ती नहीं बरती जाती, जिससे बाद में मानवीय पहलू को देखते हुए परेशानी उठानी होती है।