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मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य को की गई शिकायत

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इटारसी। मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग (MP Child Rights Protection Commission) के सदस्य बृजेश सिंह चौहान (Member Brijesh Singh Chauhan) ने आज यहां बच्चों की देखरेख करने वाली संस्थाओं का निरीक्षण किया। जहां कमियां मिलीं, सुधार के निर्देश दिये। चौहान बैतूल जिले के दौरे से लौटते वक्त इटारसी रुके और मुस्कान बालिका गृह (Muskan balika grah) और जीवोदया संस्था में पहुंचे और निरीक्षण किया। उन्होंने समरसता नगर में जाकर वहां रहने वाले बच्चों से मुलाकात की, पहाड़े, एबीसीडी पूछी। नीचे बैठकर बच्चों से बात की और उनको कॉपी तथा बिस्कुट भी दिये। मुस्कान संस्था में बगीचा बनाने और पेड़ लगाने का सुझाव भी दिया। अपने विजिट के विषय में चौहान ने बताया कि वे लगातार आदिवासी जिलों का दौरा कर रहे हैं और वहां के बच्चों की स्थिति जानने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोनाकाल के बाद बच्चे शिक्षा से दूर हो रहे हैं, यह गंभीर चिंता का विषय है। आयोग लगातार इस पर नजर रखकर काम कर रहा है कि बच्चों को शिक्षा से सतत जोड़कर रखा जा सके। यहां समरसता नगर में उनको स्कूल भवन की कमी बतायी गयी है। बीआरसी ने जानकारी दी है कि यहां स्कूल भवन का प्रस्ताव बनाकर नगर पालिका को दिया है, अब तक नगर पालिका ने काम नहीं किया है। इस विषय में हम सीएमओ और कलेक्टर से पत्राचार करेंगे, आखिर क्यों काम नहीं किया जा रहा है। उन्होंने सीएमओ को कॉल किया लेकिन कॉल रिसीव्ह नहीं हुआ।

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यहां मिनी आंगनवाड़ी की मांग भी आयी है, उसके लिए भी हम प्रयास करेंगे। जहां तक स्कूल प्रारंभ करने की बात है तो अभी बड़े बच्चों के लिए स्कूल प्रारंभ हो गये हैं, लेकिन उसमें भी परेशानी आ रही है, पैरेन्ट्स अनुमति नहीं दे रहे हैं। हम तीसरी लहर की संभावना के कारण नुकसान न हो, इसलिए हर दृष्टिकोण से काम कर रहे हैं।
बाल अपराध बढऩे के विषय में कहा कि निश्चित तौर पर कोरोनाकाल में बाल अपराध कम हो गये थे। लेकिन, कोरोना ने लोगों को आर्थिक तौर पर तोड़ दिया है। रोजगार की कमी, धन की कमी होने से कुछ बच्चे अपराध की तरफ गये हैं, कुछ सीमावर्ती जिलों में बालश्रम की जानकारी भी मिली है, हम इस पर भी काम कर रहे हैं। ऑनलाइन से बच्चों के मन पर पड़ते प्रभाव पर उन्होंने सहमति जताते हुए कहा कि छतरपुर की दुखद घटना इसका परिणाम है। बच्चों की पढ़ाई न रुके इसके लिए फिलहाल कोई विकल्प भी नहीं है। जहां तक ऑनलाइन गेम्स की बात है, हम केन्द्र सरकार में आईटी मंत्री को पत्र भेजकर ऑनलाइन गेम्स पर बेन लगाने की मांग करेंगे, ताकि आगे ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
इस अवसर पर टीआई रामसनेही चौहान (TI Ramsnehi Chauhan), तहसीलदार पूनम साहू (Tehsildar Poonam Sahu), बीआरसी आंनद शर्मा (BRC Anand Sharma), देवेंद्र कुमार चंद्रोल (Devendra Kumar Chandrol), प्राचार्य अखिलेश शुक्ला (Principal Akhilesh Shukla), कमल चौधरी, डीसी खड़ोतिया, राहुल प्रधान, सचिन मेहरा, संजय युवने, पवन मर्सकोले, विक्रम ठाकुर, प्रिंस साहू, आशीष पटेरिया, संदीप मेहरा, शिवम दुबे, सौरभ धुर्वे, विनोद लोंगरे, अंकित चौरे, डैनी मधु पाल, अनवर अली, नीरेंद्र वंदेले, शीतल मालवीय, सोनिका कनोजिया, नव अभ्युदय संस्था अध्यक्ष सुमन सिंह, अभिभावक जन कल्याण संघ के प्रदेश सचिव दशरथ चौधरी मौजूद रहे।

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