मुरम खनन मामले में एसडीएम और पुलिस को शिकायत

मुरम खनन मामले में एसडीएम और पुलिस को शिकायत

इटारसी। समाजसेवी एवं आरटीआई एक्टिविस्ट प्रमोद पगारे ने पुलिस थाना पथरोटा में खनिज विभाग और मत्स्य विभाग से मुरम खोदने की अनुमति लेकर नाला सिंगल बजरी अपने रकबे से अधिक क्षेत्र में खनन करने पर अनुमति प्राप्त करने वाले के विरुद्ध शिकायत की है। मामले में एसडीएम इटारसी को भी शिकायत की गई है। पथरोटा पुलिस मामले की जांच कर रही है।
पथरोटा-आयुध निर्माणी मार्ग के समीप ग्राम जामई दमामी में खनिज विभाग से अनुमति प्राप्त कर एक व्यक्ति अवैध तरीके से बजरी की खुदाई कर रहा है और उन्हें अनुमति 1000 घन मीटर की मिली है जो लगभग 35000 वर्ग फिट होती है और डंपर से अगर जोड़ें तो लगभग 58 डंपर यानी प्रति डंपर 500 वर्ग फीट बजरी। कुल 35000 वर्गफीट 1000 घन मीटर बजरी निकलना है। परंतु अनुमति धारक व्यक्ति ने करीब 500 घन मीटर से ऊपर बजरी का खनन कर दिया है। मछली विभाग ने नील क्रांति योजना के तहत तालाब खनन की अनुमति दी है। जिसमें 75 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। मौके पर बजरी में कैसा तालाब बन रहा है, देख सकते हैं। उपरोक्त व्यक्ति ने खनिज विभाग में कुछ राशि भी जमा की है। महत्वपूर्ण पहलू यह है कि उन्होंने वन विभाग को भी धोखा देकर अनुमति प्राप्त कर ली है। कागजों के हिसाब से देखें तो सभी को लगेगा यह व्यक्ति सही है परंतु मौके पर जाकर जब भौतिक सत्यापन करेंगे तो वस्तुस्थिति कुछ और मिलेगी।
ग्राम मोहला, जामई कलॉ, जामई दमामी और उससे लगे हुए गांव में पहले बहुत खदाने चलती थी परंतु वन विभाग की आपत्ति के बाद वह बंद कर दी गई थी। क्योंकि एरियल सर्वे में वन विभाग के जंगल से वे जितनी दूरी होनी चाहिए उससे कम दूरी थी। एसडीएम इटारसी ने भी नायब तहसीलदार को जांच के लिए भेजा था। हमने सारे दस्तावेज, फोटोग्राफ, वीडियो जांच अधिकारी, एसडीएम एवं पुलिस थाना पथरोटा को उपलब्ध कराएं हैं। रॉयल्टी 100 किलोमीटर से दूर की कटती है चाहे वह हरदा हो बैतूल हो या अन्य कोई क्षेत्र हो ताकि एक ही रॉयल्टी पर कई ट्रिप लगाए जा सके। श्री पगारे ने कमिश्नर से निवेदन किया है इस पूरे मामले में वे गंभीर जांच कराएं दोषी अधिकारियों और संबंधित अनुमति धारक के विरुद्ध कार्यवाही संधारित की जाए।

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