इटारसी। शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों (Corona positive patients) की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। शहर के एक दर्जन इलाके ऐसे हैं, जहां पॉजिटिव मरीज मिले हैं और उनका उपचार भी चल रहा है। वर्तमान में इटारसी अस्पताल में कोई मरीज नहीं बल्कि होशंगाबाद में भर्ती किया जा रहा है। खास लापरवाही तो यह सामने आ रही है कि जिन घरों में पॉजिटिव मरीज हैं, उन पर बाहर निकलने की कोई बंदिश नहीं है, बिना परवाह किये लोग बाहर निकल रहे हैं। शहर में ज्यादा मरीज मिलने का एक कारण महाराष्ट्र के नागपुर और अन्य शहरों में आना-जाना बताया जा रहा है।
डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी शासकीय अस्पताल (Dr. Shyama Prasad Mukherjee Government Hospital) में आज जो रिपोर्ट भोपाल से आयी हैं, उसमें पांच पॉजिटिव हैं। आज अस्पताल में 23 सेंपल लिये हैं। शहर के एक दर्जन इलाकों में कोरोना के मरीज मिले हैं, बावजूद इसके न तो कोई कंटेन्मेंट जोन बनाया है, ना ही उनक घरों को सेनेटाइज किया है और ना ही किसी पर कहीं आने-जाने की बंदिश है। ऐसे में मरीजों की संख्या निश्चित तौर पर बढ़ेगी जो शहर के लिए चिंताजनक है।
इन इलाकों में मिले हैं मरीज
अब तक जो मरीज मिले हैं, उनमें सूरजगंज, सोनासांवरी नाका, पुरानी इटारसी, मालवीयगंज, हाउसिंग बोर्ड कालोनी, नयायार्ड, 12 बंगला, न्यास कालोनी, साईं फाच्र्यून सिटी, नाला मोहल्ला हैं।
ये बताये जा रहे कारण
बताया जाता है कि इटारसी से लोग बड़ी संख्या में विभिन्न बीमारियों का इलाज कराने नागपुर होकर आये हैं। अस्पताल में उन्होंने इसकी जानकारी भी दी है। इसके अलावा शहर में मास्क लगाने पर होने वाली सख्ती बंद हो गयी है। दुकानदार और उनके कर्मचारियों ने मास्क लगाना पूरी तरह से बंद कर दिया है। ग्राहक भी बिना मास्क के घूम रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग जैसा कोई नियम पालन नहीं कर रहा। कुछ लोगा व्यापार के सिलसिले में भी नागपुर, भोपाल, इंदौर जैसे शहरों में जाकर आ रहे हैं। शासन की गाइड लाइन का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है और प्रशासन भी इस ओर से बेफिक्र हो गया था। ऐसे में मरीजों की संख्या बढऩा स्वभाविक है।
ये सब नहीं हो रहा है
जिन घरों में मरीज मिल रहे हैं, वहां न तो सेनेटाइजर (Sanitizer) का छिड़काव हो रहा है, ना ही उनके घरों के अन्य सदस्यों के सेंपल लिए जा रहे हैं। सबकुछ बेफिक्र अंदाज में चल रहा है। जहां मरीज हैं, उन घरों के सदस्य बाजार में घूम रहे हैं और न मास्क लगा रहे और ना ही गाइड लाइन का पालन कर रहे। एक जानकारी के अनुसार शहर में वर्तमान में तीस से अधिक एक्टिव केस हैं जिनमें से इटारसी, भोपाल और अन्य स्थानों की अस्पतालों में उनका उपचार चल रहा है। एक सबसे बड़ी लापरवाही यह भी सामने आ रही है कि कुछ लोगों ने सेंपल तो दे दिये, लेकिन फिर अपना फोन बंद कर लिया है। शासकीय अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एके शिवानी (Government Hospital Superintendent Dr. AK Shivani) के अनुसार मरीज प्रॉपर एडे्रस भी नहीं बता रहे और फोन बंद कर रहे हैं, ऐसे में उनको तलाशना भी मुश्किल हो रहा है।