सब्जी मंडी दुकान मामले में परिषद का निर्णय, दोषियों पर होगी एफआईआर

Post by: Rohit Nage

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Council's decision in vegetable market shop case, FIR will be filed against the culprits
  • – प्राधिकार समिति के निर्णय पर अध्यक्ष पंकज चौरे और सभापति कल्पेश अग्रवाल में चली लंबी बहस
  • – परिषद की बैठक में रखे दो दर्जन में से दो प्रस्तावों को छोड़ शेष पर कुछ संशोधन के साथ लगायी मुहर

इटारसी। नगर पालिका परिषद ने आज 24 में से दो प्रस्तावों को छोड़ सभी पारित कर दिये। कुछेक प्रस्तावों पर विरोध भी दर्ज हुआ, तो कुछ थोड़े संशोधन के साथ पारित हो गये। लेकिन परिषद की पूरी बैठक में कांग्रेस पार्षदों की चुप्पी बेहद खली, क्योंकि विगत एक पखवाड़े से बैठक में कांग्रेस पार्षदों का तीखा विरोध देखने को मिलेगा जैसी सोच नगर बना चुका था। कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने लिखित में नगर पालिका अध्यक्ष को आवेदन देकर अपनी बात रखी तो कुछ ने इसी तरीके से विरोध दर्ज कराया। मुखर होकर कोई नहीं बोला, जिससे तरह-तरह के अनुमान लगाये जा रहे हैं।

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जो प्रस्ताव पर हंगामेदार बहस होने की संभावना जतायी जा रही थी, उनमें कांग्रेस की तरफ से तो लगभग कुछ नहीं हुआ। बल्कि कुछ पार्षद तो प्रस्तावों के समर्थन में भी मेजें थपथपा कर समर्थन जताते रहे। विरोध तो भाजपा की ओर से ही देखने को मिला जब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष में एक समय तीखी नोंकझोंक तक हो गयी। अध्यक्ष ने कहा कि बैठक का संचालन अध्यक्ष को करना रहता है, कृपया मर्यादा में रहें। प्रस्ताव क्रमांक 17 सब्जी मंडी की दुकानों के संबंध में शिकायत आने पर शासन द्वारा गठित प्राधिकार समिति के निर्णय लागू करने एवं दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के प्रस्ताव पर एक घंटे से भी अधिक समय तक नगर पालिका अध्यक्ष पंकज चौरे और सभापति कल्पेश अग्रवाल के बीच बहस हुई। आखिरकार यह प्रस्ताव भी पारित हो गया। बैठक में सीएमओ ऋतु मेहरा ने सब्जी मंडी मामले में प्राधिकार समिति के निर्णय को पढ़कर सुनाया।

अब आगे क्या ?

सब्जी मंडी के प्रकरण में जांच के लिए बनायी गयी प्राधिकार समिति के निर्णय को यथावत लागू किया जाएगा। किसी पास पट्टा नहीं है, दस्तावेज नहीं है, रिकार्ड नहीं हैं, उन पर समिति ने आगे कार्रवाई के लिए अनुशंसा की है। नगर पालिका कच्ची दुकानों से पक्की दुकाने बनाकर काबिज वैध लोगों ने प्रीमियम जमा करायेगी, जो फर्जी रसीदें मिली हैं, जो डिमांड पंजी में दर्ज नहीं है, ऐसी 126 दुकानें वैरीफाई की हैं, उनमें से दस्तावेज अनुसार 107 को सही मान रहे हैं। इनमें भी अभी सात की फाइलें मिसिंग हैं। फर्जी डेढ़ लाख से 50 हजार की रसीदें कटी हैं।

एफआईआर करायी जाएगी

व्यवस्थापन नियम के आधार पर कार्रवाई होगी साइज और कलेक्टर गाइड लाइन के अनुसार प्रीमियम जमा कराया जाएगा। जो अनाधिकृत काबिज हैं, उनकी दुकानें निरस्त करके पुन: नीलामी की जाएगी। समिति ने पूरी ही प्रक्रिया को अवैध घोषित किया है, जो व्यवस्थापन अधिनियम के विपरीत है। दोषियों के खिलाफ एफआईआर कराने का प्रस्ताव पारित किया है। जिन्होंने नामांतरण कराया है, जिन कर्मचारियों ने इसमें कार्रवाई की है, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी, राजस्व की भरपायी के लिए शासन को भी लिखा जाएगा। पार्षद शिवकिशोर रावत ने फर्जी रसीद गड्डी का मामला उठाया जिस पर अध्यक्ष ने जांच कराने का आश्वासन दिया।

बीओटी, ऑडिटोरियम का प्रस्ताव

परिषद ने बीओटी मामले में ठेकेदार को राशि देने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। इसमें कोर्ट के निर्णयानुसार कुल 58,6000 रुपए मेसर्स शांति कालोनाइजर एवं डेव्हलपर को प्रदान करने का निर्णय कोर्ट ने दिया है। ऑडिटोरियम के संचालन एवं संधारण 3 वर्ष के लिए निजी एजेंसी को देने और शुल्क वृद्धि के प्रस्ताव में थोड़ा संसोधन करके इसे पारित कर दिया। प्रस्ताव में संपूर्ण दिन के लिए 9 हजार रुपए किराया निर्धारित किया था, लेकिन किराया अधिक होने से सांस्कृतिक गतिविधि ठप हो जाएंगी, कहकर सभापति राकेश जाधव ने किराया कम करने का सुझाव दिया। इसमें किराया कम किया जाएगा।

भूखंड मालिकों को नोटिस देंगे

प्रस्ताव 7 में ऐसे भूखंड जिनकी लीज डीड संपादित करके प्रदान किये थे, उन भूखंडों पर कोई निर्माण कार्य नहीं हुआ, लीज डीड की शर्तों का उल्लंघन मानकर निरस्त कर पुन: नीलाम करने पर विचार करना था। इस पर निर्णय हुआ कि ऐसे भूखंड मालिकों को नोटिस देंगे। दो नोटिस के बाद ही इसे निरस्त करने की प्रक्रिया की जाएगी। इस पर राकेश जाधव और कल्पेश अग्रवाल ने कहा कि निरस्त नहीं करके ऐसे लोगों पर पेनॉल्टी लगाएं।

एक हजार रुपए जुर्माना लगेगा

सुधार न्यास कालोनी के वार्ड 13 एवं 14 के ऐसे मकान जिन्होंने चेम्बर अपने घरों के भीतर कर लिए हैं, सफाई के दौरान स्वच्छता दूतों को नहीं जाने देते हैं, ऐसे मकान मालिकों पर प्रत्येक सप्ताह एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाए एवं दंडात्मक कार्रवाई की जाए। पार्षद संजय ठाकुर ने कहा कि ऐसे लोगों को समझाईश दी जाए। अध्यक्ष श्री चौरे ने कहा कि हर तरह से समझाकर देख लिया, अब जुर्माना ही विकल्प बचा है।

कुछ संशोधन के साथ पारित

कचरा संग्रहण शुल्क बाजार क्षेत्र में चाय/पान की दुकानों पर 10 रुपए प्रस्तावित था, इसे पांच रुपए प्रतिदिन किया। यात्री होटलों पर 17 रुपए प्रतिदिन, रेस्टॉरेंट, होटल खानपान पर 34 रुपए प्रतिदिन, शराब दुकानों पर 100 रुपए प्रतिदिन, मैरिज गार्डन से 100 रुपए प्रतिदिन, अन्य व्यावसायी दुकानों पर पांच रुपए प्रतिदिन, बैंकों से 50 रुपए और प्रायवेट अस्पतालों से 100 रुपए प्रतिदिन कचरा संग्रहण शुल्क लिया जाएगा, जिसकी रसीद अलग से छपवायी जाएंगी। इसके अलावा फौती नामांतरण शुल्क प्रस्तावित 5 हजार से 15 सौ रुपए और एनओसी शुल्क 2 हजार से 15 सौ रुपए पर सहमति बन गयी।

निजी एजेंसी को देंगे तालाब

इटारसी सरोवर तालाब व पार्क को वाटर स्पोट्र्स गतिविधि एवं संपूर्ण संचालन, संधारण के लिए निजी एजेंसी/फर्म/संस्था को प्रतिवर्ष उच्चतम बोलीकर्ता/आफरकर्ता को तीन वर्षों के लिए देने के प्रस्ताव को मेजें थपथपाकर पारित कर दिया गया।

धन्यवाद ‘परिषद’

आज मेरे लिए बहुत बड़ा दिन है और इस दिन के लिए मैं वर्तमान निर्वाचित परिषद का हार्दिक आभारी हूं। सब्जी मंडी घोटाला एक ऐसा विषय था जिसके लिए बहुत संघर्ष, डॉक्यूमेंट एकत्र करने हेतु बहुत व्यय, कुछ भोपाल यात्राओं के साथ ही ‘पार्टी विरोधी गतिविधि’ का नोटिस तक झेलना पड़ा पर आज आपके निर्णय ने इस सब को सार्थकता प्रदान कर दी। यह बात सब्जी मंडी मामले में शिकायतकर्ता और पूर्व पार्षद यज्ञदत्त गौर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके लिखी। उन्होंने कहा कि कच्ची दुकानों को पक्की व्यवस्थित करने के जनहितैषी निर्णय की आड़ में जो भ्रष्टाचार का जो खेल खेला गया वो अद्वित्तीय था। शासकीय दस्तावेजों में कूटरचना कर नाम जोडऩा तो स्थानीय स्तर पर हो सकता था किंतु कमिश्नर, नर्मदापुरम के आदेश पर कार्यवाही न होना और सीधे पार्टी प्रदेश अध्यक्ष से पार्टी विरोधी गतिविधियों का नोटिस मिल जाना ‘कितने उच्च स्तर का संरक्षण’ इस कार्य को था यह दर्शाता है। आज के परिषद निर्णय से फिर उम्मीद जागी है कि भले अपनी सदस्यता की कुर्बानी ले हो पर दोषियों पर कार्यवाही तो हो सकती है।

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