- अवर्षा के कारण खरीफ की फसल पर छाये संकट के बादल
- खेतों में सूख रही फसल के लिए नहर में पानी छोडऩे की मांग
- आधा सैंकड़ा से अधिक किसानों ने कलेक्टर को लिखा पत्र
इटारसी। किसानों ने खेतों में सूख रही फसलों के लिए नहरों में पानी छोडऩे की मांग की है। किसानों ने कहा कि सूखती फसलों को सिंचाई की अत्यंत आवश्यकता है, अत: नहरों में पानी छोड़ा जाए। किसानों ने धान, सोयाबीन, मक्का, ज्वार, मूंग, उड़द, तिल और अरहर की फसल बोयी है जो पानी के अभाव में सूख रही है। अवर्षा के कारण सूखती फसलों को पानी की अत्यधिक आवश्यकता है। खेतों में सूखे के कारण दरारें पडऩे लगी हैं।
सिवनी मालवा (Seoni Malwa) के किसानों ने कलेक्टर नर्मदापुरम (Collector Narmadapuram) को पत्र लिखकर तवा नहर (Tawa Canal) में पानी छोडऩे की मांग की है, ताकि सूखती फसलों को जीवनदान मिल सके।
कितना है बोवनी का रकबा
सिवनी मालवा क्षेत्र में धान 29,300 हेक्टेयर, सोयाबीन 34200 हेक्टेयर, मक्का 16300 हेक्टेयर, ज्वार 70 हेक्टेयर, मूंग 120 हेक्टेयर, तिल 50 हेक्टेयर और अरहर की बोवनी 75 हेक्टेयर में की गई है। इस प्रकार कुल 80,245 हेक्टेयर में फसलें बोयी गयी हैं जो सिंचाई के अभाव में सूखने की कगार पर है।
किसानों की बढ़ रही चिंता
मौसम की बेरुखी के कारण किसान चिंता में हैं। जहां बिजली से सिंचाई की व्यवस्था है, वहां तो फसलों को थोड़ा बहुत पानी उपलब्ध हो रहा है। लेकिन नहर पर आश्रित किसानों की फसलें सूखने की कगार पर है। खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं, पौधों की जड़ें टूट रही हैं और फसल सूखने की स्थिति में पहुंच गयी है।
कलेक्टर से किया निवेदन
ग्राम हिरनखेड़ा (Village Hirankheda), खुटवासा (Khutwasa), धामनी (Dhamani), सोमलवाड़ा (Somalwada) तहसील सिवनी मालवा के किसान प्रशांत कुमार, लोकेश गौर, किशनलाल, अभय कुमार, सुदीप गौर, मोहनलाल, महेन्द्र सहित दर्जनों किसानों ने कलेक्टर को पत्र खिलकर फसल को बचाने नहरों में पानी छोडऩे की मांग की है ताकि किसान खेतों में सिंचाई का कार्य कर सकें।