नाबालिग से रेप और हत्या के आरोपी को मृत्युदंड

नाबालिग से रेप और हत्या के आरोपी को मृत्युदंड

सागर। न्यायालय, विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट सागर/नवम अपर सत्र न्यायाधीश सागर के न्यायालय ने धारा 302 भादवि में आरोपी वीरेन्द्र पिता निरपत उम्र 24 वर्ष, निवासी थाना सानौधा जिला सागर को मृत्युदंड से दंडित किया। प्रकरण में राज्य शासन की ओर से उप संचालक (अभियोजन) अनिल कुमार कटारे ने पैरवी की है।
लोक अभियोजन के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा एडीपीओ एवं सहायक मीडिया प्रभारी अमित जैन एडीपीओ ने बताया कि 07 अप्रैल 2019 को थाना प्रभारी सानौधा को ग्राम बोधा पिपरिया के पास जंगल में डेड बॉडी पड़ी होने की सूचना पर घटनास्थल पर जाकर देखा की मृतका की डेडबॉडी पड़ी हुई थी। मृतका के पिता ने बताया कि उसकी लड़की एक दिन पहले वीरेन्द्र के साथ साईकिल पर गई थी, लेकिन घर नहीं लौटी। तलाश किया किंतु दोनों नहीं मिले तभी गांव के निवासी मदन ने बताया कि परान नाला के पास उसकी बच्ची मरी हुई पड़ी है।
विवेचना के दौरान एफएसएल टीम के साथ डॉग स्काड को घटना स्थल पर भेजा था। मर्ग जांच के दौरान मृतका की दादी और उसके पिता के कथन लिये धारा 376(2) (आई), 302 भादवि एवं 3/4 तथा 11/12 पॉक्सो एक्ट का प्रकरण पंजीबद्ध कर वीरेन्द्र को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर उसने स्वीकार किया कि उसने अभियोक्त्री को साईकिल पर बैठाकर ले गया था और साईकिल और कपड़े उसने घर पर छुपाकर रखे हैं। प्रकरण में आरोपी का डीएनए टेस्ट कराया गया था। विवेचना पूर्ण कर अभियोगपत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। अभियोजन यह प्रमाणित करने में सफल रहा कि आरोपी अपनी जानपहचान के नातेदार की पुत्री जिसकी उम्र 13 वर्ष से कम थी के साथ निर्जन स्थान नाले के पास जंगल के निकट ले जाकर उसके साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया और उसका मुंह तथा गला दबाकर निर्मम हत्या की गई।
न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि आरोपी ने अपनी काम पिपासा को शांत करने के दौरान अपनी निर्दयता से बालिका को न केवल अमानवीय पीड़ा पहुचाई बल्कि इस दौरान उसके जननांग एवं गले को भी चोटिल किया। प्रकरण की गंभीरता और पीडि़ता की साथ की गई वीभत्सता को देखते हुए न्यायालय द्वारा अभियुक्त वीरेन्द्र आदिवासी को धारा 363 भादवि की में 7 वर्ष का सश्रम कारावास, धारा 366 ए में 10 वर्ष का कठोर कारावास एवं 376(3), 376(2)(एफ) भादवि सहपठित धारा 6 पॉक्सो एक्ट में आजीवन कारावास तथा धारा 302 भादवि में मृत्युदण्ड की सजा से दंडित किया।

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