इटारसी। श्रीश्री बूढ़ी माता मंदिर में श्री शतचंडी महायज्ञ प्रारंभ हो चुका है। प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण भी मंदिर में पहुंच रहे हैं। इस वर्ष श्री शतचंडी महायज्ञ का पचासवॉ वर्ष है। प्रतिदिन शतचंडी महायज्ञ ने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। शहर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में शतचंडी महायज्ञ में पहुंच रहे हैं।
यज्ञ मंडप की परिक्रमा
श्री बूढ़ी माता मंदिर परिसर में श्री शतचंडी महायज्ञ के यज्ञ मंडप की परिक्रमा बड़ी संख्या में श्रद्धालु कर रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु शामिल हैं। विद्वान ब्राह्मणों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य आहुतियां डलवायी जा रही है। कल रविवार को सैकड़ों की संख्या श्रद्धालु श्री श्री बूढ़ी माता मंदिर परिसर में आयोजित श्री शतचंडी महायज्ञ में शामिल होंगे। मंदिर समिति के सचिव जगदीश मालवीय ने बताया कि प्रतिदिन महायज्ञ में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ रही है। सुबह 8 बजे से महायज्ञ में आहुति छोड़ी जा रही है।
देवी भागवत कथा

दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक श्री देवी भागवत कथा चल रही है। संगीतमय श्रीमद् देवी भागवत कथा के चौथे दिन राष्ट्रीय प्रवक्ता भागवत आचार्य पंडित सोमनाथ शर्मा ने श्री वेदव्यास और जन्मेजय का प्रसंग सुनाया। जन्मेजय ने जब सर्प यज्ञ को समाप्त किया तो उसके बाद वे वेद व्यास जी के पास पहुंचे और श्री वेदव्यास जी ने उन्हें श्रीमद् देवी भागवत की कथा सुनाना प्रारंभ किया। वेदव्यास जी ने कहा कि आप अपने पिता की सद्गति के लिए देवी मंदिर का निर्माण कराकर देवी का यज्ञ कीजिए और देवी की कथा सुनिए यही आपके लिए सर्वोत्तम होगा। इससे आपके पिता को सद्गति प्राप्त होगी। कथा के चौथे दिन वजनमेजय को वेद व्यास जी ने कन्या पूजन के विषय में विधि विधान से बताया हमारे सनातन धर्म में 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक की बालिका को कन्या स्वरूप माना है और इन्हीं के पूजन से कन्या पूजन का वह देवी पूजन का फल प्राप्त होता है।
मंदिर के पीछे लगा है मेला
श्री बूढ़ी माता मंदिर के पीछे मेला लगा है जो बच्चों को खूब पसंद आ रहा है। मेले में लगे झूलों पर बच्चे आनंद ले रहे हैं तो मनिहारी की सामग्री खरीदने महिला श्रद्धालु भी पहुंच रही हैं। मेले में झूला, मनिहारी सहित खानपान की दुकानें भी लगी हैं जहां मंदिर में पहुंचने वाले भक्त जाकर आनंद उठा रहे हैं।