इटारसी। आधुनिक साधन फ्रिज के पानी से होने वाले नुकसान के बाद अब शनै:-शनै: लोग प्राकृतिक तरीके से पानी को ठंडा करके तारोताजा करने वाले मटकों की तरफ लौटने लगे हैं। एक समय फ्रिज आने से मटकों की मांग पर अंतर आने की आशंका व्यक्त की गईं थीं, लेकिन मटकों की मांग कभी कम नहीं हुई और लोगों का मटकों पर भरोसा कायम रहा। जिनके यहां फ्रिज है, वे भी मटकों का पानी पसंद करते हैं। सिर्फ नयी पीढ़ी के युवा वर्ग ही फ्रिज का पानी पीना पसंद करते हैं।

गर्मी के मौसम आते ही युवा वर्ग में फ्रिज के ठंडे पानी का आकर्षण तो रहता है, लेकिन सालों से मिट्टी के मटकों की मांग कभी कम नहीं हुई है। इतना ही नहीं साल भर तीज त्योहार से लेकर गर्मी के दिनों में ठंडे पानी के लिए मिट्टी के मटके ही प्रसिद्ध हैं। इन दिनों इटारसी के बाजार में शाहपुर और खातेगांव के मिट्टी के मटके बिकने आए हैं। तालाब के किनारे तेरहवीं लाइन क्षेत्र में लाल एवं काले रंग के मिट्टी के मटके दुकानों पर रखे हैं, जैसे-जैसे गर्मी का मौसम रफ्तार पकड़ रहा है, ठंडे पानी की तलाश के लिए लोग मिट्टी के मटके खरीद कर ले जा रहे हैं।
शहर के आसपास के क्षेत्र से प्रजापति समाज के लोग मिट्टी से बने मटके बाजार में दुकान लगाकर बेचते हैं। लाल रंग के मटके बैतूल जिले के शहर शाहपुर से लाए गए हैं तो वही काले रंग के मटके खातेगांव से बेचने के लिए मंगवाए गए हैं। मिट्टी के मटके बेचने वाले एक दुकानदार ने बताया कि हर साल गर्मी के मौसम में मिट्टी के मैचों के ठंडे पानी की मांग बढ़ जाती है। इन दिनों दुकान पर शाहपुर एवं खातेगांव के मटके रखे हैं जिन्हें 150 रुपए से ढाई सौ रुपए तक की कीमत में बेचा जा रहा है। दुकानदार ने बताया कि इन शहरों के मटकों का पानी गर्मी के दिनों में बहुत ठंडा होता है, और मिट्टी के मटकों का पानी पीने से स्वास्थ्य पर भी कोई विपरीत असर नहीं पड़ता है।