इटारसी। भोपाल से आयी लोकायुक्त की टीम ने आज शाम इटारसी के रेंज आफिस में रेंजर, डिप्टी रेंजर को एक किसान से टीपी जारी करने के एवज में रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा और एफआईआर करके भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की। ग्राम दमदम के किसान और अधिवक्ता लोकेन्द्र सिंह की जमीन पर लगे सागौन के पेड़ की कटिंग के बाद उनको बेचने लोकेन्द्र पटेल ने तहसील और ग्राम पंचायत में समस्त औपचारिकता पूर्ण करने के बाद वन विभाग से टीपी जारी करने के लिए आवेदन किया था।
टीपी जारी करने के एवज में डिप्टी रेंजर राजेन्द्र नागवंशी ने पहले 19 हजार रुपए मांगे। श्री पटेल ने कहा कि वे अधिवक्ता हैं, उनको तो छोड़ दो। नागवंशी ने कहा कि यह तो सिस्टम है, पैसा देना ही पड़ता है।
लोकायुक्त में शिकायत की
लोकेन्द्र पटेल ने इसकी शिकायत लोकायुक्त भोपाल में की। आज राजेन्द्र नागवंशी को बताये गये स्थान पुरानी इटारसी स्थित एक पान की दुकान पर 12 हजार रुपए देना तय हुआ था। लोकेन्द्र पटेल ने आज जब नागवंशी को पैसे दिये तो उसने कहा कि इसमें से पांच हजार रेंजर को, पांच हजार स्वयं और दो हजार वनपाल को देना है। पटेल ने कहा कि वे रेंजर श्रेयांस जैन को पैसा दे देंगे। आज रेंजर श्रेयांस जैन को पैसा देते वक्त लोकायुक्त टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया।
ये है मामला
आसफाबाद इटारसी निवासी अधिवक्ता लोकेन्द्र पटेल की ग्राम दमदम में कृषि भूमि है, जिस पर एक मेड़ पर लगे। सागौन के 7 पेड़ पिछले दिनों चली आंधी में गिर गए थे। इन पेड़ों को काटने की अनुमति ग्राम पंचायत से प्राप्त करने के बाद वन विभाग से टीपी और हैमर की अनुमति ली जानी थी। लोकेंद्र ने वन परिक्षेत्र इटारसी के कार्यालय में आवेदन 28 मार्च 24 को दिया था। डिप्टी रेंजर राजेंद्र कुमार नागवंशी लोकेंद्र से टीपी जारी करने के लिए 19000 रुपए अपने और रेंजर तथा वनपाल के लिए मांग रहे थे। लोकेन्द्र पटेल ने लगातार रिश्वत की मांग से परेशान होकर पुलिस अधीक्षक मनु व्यास को भोपाल में शिकायत की।
ये शामिल थे टीम में
आज वन विभाग कार्यालय में कार्रवाई करने वाली लोकायुक्त टीम में शामिल इंस्पेक्टर रजनी तिवारी, इंस्पेक्टर घनश्याम सिंह मर्सकोले, प्रधान आरक्षक राजेंद्र पावन, प्रधान आरक्षक मुकेश पटेल, आरक्षक मनमोहन साहू, हेमेंद्र ने डिप्टी रेंजर राजेन्द्र नागवंशी को लोकेंद्र से 12 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा। डिप्टी रेंजर ने लगाया रेंजर को फोन लोकेन्द्र से पैसे प्राप्त करने के बाद डिप्टी रेंजर राजेंद्र नागवंशी ने फोन कर रेंजर श्रेयांश जैन को उनके हिस्से के पैसे देने की बात की। लोकायुक्त टीम ने योजनाबद्ध तरीके से रेंजर श्रेयांश जैन को रिश्वत के 5000 रुपए आरोपी राजेंद्र कुमार नागवंशी से लेने पर पकड़ा है।