महर्षि अरविंद के जन्म वर्ष पर संभाग स्तरीय व्याख्यानमाला

Post by: Rohit Nage

नर्मदापुरम। बुधवार 3 अगस्त को महर्षि अरविंद (Maharishi Arvind) के 150 वें जन्म वर्ष (सार्धशती) पर संभाग स्तरीय व्याख्यानमाला (Divisional Level Lecture Series) का आयोजन हामी मैरिज गार्डन (Marriage Garden) नर्मदापुरम में किया। मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित मप्र जन अभियान परिषद (MP Jan Abhiyan Parishad) के उपाध्यक्ष विभाष उपाध्याय, कार्यपालक निदेशक धीरेन्द्र पांडे ने दीप प्रज्जवलन कर महर्षि अरविंद के चित्र पर माल्यार्पण किया।
इस अवसर पर आमंत्रित संतोष व्यास समाजसेवी, नगरपालिका (Municipality) पूर्व अध्यक्ष अखिलेश खंडेलवाल, आदिवासी वनवासी कल्याण संघ (Tribal Vanvasi Welfare Association) के जितेन्द्र गुर्जर, समेरिटन्स स्कूल (Samaritans School) संचालक आशुतोष शर्मा, साहित्यकार अशोक जमनानी ने महर्षि अरविंद के आध्यात्मिक जीवन के बारे में अपने उद्बोधन दिये। साहित्यकार श्री जमनानी ने महर्षि अरविंद का परिचय देते हुए कहा कि 15 अगस्त को उनका जन्म हुआ था, भारत (India) को स्वतंत्रता (Independence) भी इसी तिथि को मिली थी। विभाष उपाध्याय ने महर्षि अरविंद की सार्धशती का शुभारंभ मां नर्मदा (Narmada) की गोद से हुआ है जो 15 अगस्त तक 10 संभाग एवं 41 जिला मुख्यालयों पर होता रहेगा। उनके द्वारा सन् 1993 का साल महत्वपूर्ण था। जिसके तीन कारण बताये, पहला इसी वर्ष में स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) द्वारा अमेरिका (America) में हिन्दृ धर्मसभा सम्मेलन में अपने उद्बोधन दिये थ, दूसरा महर्षि अरविंद ने इसी वर्ष अमेरिका छोड़कर भारत की भूमि पर अपने कदम रखे, तीसरा महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) को दक्षिण अफ्रीका (South Africa)में ट्रेन (Train) से उतारकर वापस भारत भेजा था।
अखिलेश खंडेलवाल ने कहा कि भारत में आजादी के अमृत महोत्सव पर ऐसे महापुरूषों को याद करना और उनके आदर्शों को जनसामान्य तक पहुंचाना मप्र जन अभियान परिषद की सफल कार्ययोजना है। स्कूल संचालक आशुतोष शर्मा ने महर्षि अरविंद के कोटेशन वीरत्व प्राप्त किये बिना वीभत्व प्राप्त नहीं किया जा सकता, आज भी हमें प्रेरणा देता है।
कार्यपालक निदेशक धीरेन्द्र पांडे ने महर्षि अरविंद के बारे में बताया कि उन्हें उनके पिता ने भारतीय संस्कृति से दूर रहकर पाश्चात्य संस्कृति अपनाने हेतु इंग्लैंड (England) भेज दिया था परंतु उन्होंने पाश्चात्य संस्कृति न अपनाकर भारतीय संस्कृति को अपनाया। संचालन कौशलेश तिवारी संभाग समन्वयक ने किया। जिला समन्वयक राजेश सिसोदिया ने आभार व्यक्त किया।

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