इटारसी। डॉक्टर्स की अभद्रता, मनमानी के लिए कुख्यात सरकारी अस्पताल में आज एक और वाकया हो गया, जब यहां के एक डॉक्टर ने एक मीडियाकर्मी को उसके काम से रोकते हुए वीडियो बनाते वक्त मोबाइल छीनने का प्रयास किया और मीडियाकर्मी से अभद्रता की। इस दौरान एक वरिष्ठ पत्रकार ने डॉक्टर के सामने तीखा विरोध किया तो डॉक्टर ने कहा कि उसे नहीं मालूम था कि आप पत्रकार हैं। हालांकि वे मीडियाकर्मियों को तेंदुए के हमले से घायल लोगों के बयान लेते साफ देख रहे थे, फिर भी उन्होंने कहा कि वे नहीं जानते थे कि यह पत्रकार हैं।
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी शासकीय अस्पताल में कुछ डाक्टर्स बेलगाम हो चले हैं। यहां तो अधीक्षक पर भी हमला हो चुका है तो सामान्यजन कितने सुरक्षित हैं, सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। अधीक्षक पर हमला भी एक डॉक्टर ने ही किया था। मरीजों से ठीक से बात नहीं करना, अभद्रता करना, कुर्सी से गायब रहना यहां के कुछ डॉक्टर्स की आदत बन गयी है। आज आर्डनेंस फैक्ट्री क्षेत्र में तेंदुए के हमले से घायल कुछ लोग यहां उपचार कराने आये थे। ड्यूटी पर मौजूद डॉ. अभिषेक अग्रवाल उपचार कर रहे थे, वे मरीजों से जिस भाषा में बात कर रहे थे, वैसी भाषा की किसी डॉक्टर से उम्मीद नहीं की जा सकती।
इस दौरान पत्रकार राहुल अग्रवाल ने मोबाइल से वीडियो बनाना चाहा तो डॉक्टर ने उठकर उनका मोबाइल छीनने का प्रयास किया और उनसे अभद्रता भी की। शोर सुनकर अन्य पत्रकारों ने जाकर डॉक्टर से बात करके राहुल अग्रवाल का परिचय दिया तो डॉक्टर ने कहा कि उनको नहीं मालूम था कि ये पत्रकार हैं। किसी तरह से मामला सुलझा लिया। लेकिन, यह वाकया एक सवाल अवश्य छोड़ गया कि क्या अस्पताल में डॉक्टर्स के व्यवहार में कोई परिवर्तन आएगा?
इनका कहना है…
अस्पताल में भीड़ होती है, कई लोग मोबाइल से वीडियो बनाने लगते हैं, ऐसे में पता नहीं चलता कौन पत्रकार है, कुछ गलतफहमी हुई होगी, मामले में बाद में बातचीत से सब ठीक होने की जानकारी मिली है, बड़ा विवाद नहीं हुआ।
डॉ. आरके चौधरी, अधीक्षक