डॉ. अनिल सिंह ने दर्ज करायी डॉ. सुनील मंत्री के बेटे के खिलाफ डेढ़ करोड़ की धोखाधड़ी की शिकायत

Post by: Rohit Nage

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इटारसी। अपने ही ड्रायवर की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे डॉ. सुनील मंत्री (Dr. Sunil Mantri) के बेटे पर इटारसी (Itarsi) के माता मंदिर अस्पताल (Mata Mandir Hospital) के संचालक डॉ. अनिल सिंह (Dr. Anil Singh) ने धोखाधड़ी का मामला इटारसी थाने में दर्ज कराया है। डॉ. मंत्री के बेटे श्रीकांत मंत्री (Shrikant Mantri) पर 1 करोड़ 58 लाख 39 हजार रुपए की धोखाधड़ी का मामला पंजीबद्ध किया है। साथ ही रुपए मांगने पर आरोपी ने डॉ. अनिल सिंह के परिवार को एक्सीडेंट कराके जान से मारने की धमकी भी दी है। माता मंदिर अस्पताल के संचालक डॉ. अनिल सिंह की शिकायत पर इटारसी थाने में श्रीकांत मंत्री के खिलाफ धारा 420, 506 के तहत केस दर्ज किया है।

उल्लेखनीय है कि यह पूरा मामला कोरोना काल के समय का है। श्रीकांत मंत्री माता मंदिर अस्पताल में ओपीडी देखने वाले अपने पिता डॉ. सुनील मंत्री के मार्फत डॉ. अनिल सिंह से मिला था। कोरोना काल के दौरान श्रीकांत मंत्री ने अस्पताल के संचालक अनिल सिंह को लालच दी कि हम एक दवा कंपनी में रुपए लगाते हैं। कुछ दिन में ही रुपए डबल हो जाएंगे। डॉक्टर अनिल सिंह उसकी बातों में आ गए और उन्होंने अस्पताल को गिरवी रखकर आईसीआईसीआई और कोडक महेंद्रा बैंक से 1 करोड़ 58 लाख 39 हजार रुपए का लोन ले लिया। यह रुपए उन्होंने श्रीकांत के बैंक खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किए। करीब 3 साल गुजर जाने के बाद भी आरोपी श्रीकांत ने उन्हें रुपए नहीं लौटाए। इटारसी थाना टीआई रामस्नेही चौहान ( Ramsnehi Chauhan) का कहना है कि आरोपी श्रीकांत अस्पताल में आता-जाता था। जिससे उनकी जान पहचान ज्यादा हो गई। कोविड काल के दौरान रुपए दवा कंपनी में लगाकर डबल कराने का कहा था। लेकिन न रुपए डबल हुए और ना मूल रुपए लौटाए। अस्पताल के संचालक डॉक्टर अनिल सिंह ने पुलिस को बताया कि अस्पताल दयनीय स्थिति में है। रुपए मांगने पर आरोपी श्रीकांत फरियादी अनिल सिंह को उसके परिवार का एक्सीडेंट कराने की धमकी दे रहा।

टीआई रामस्नेही चौहान के अनुसार आरोपी श्रीकांत मंत्री की तभी से जानपहचान हुई, उस समय डॉक्टर सुनील मंत्री ओपीडी देखते थे। 2019 में ड्राइवर की हत्या के आरोप में डॉक्टर सुनील मंत्री जेल चले गए। बेटा की माता मंदिर अस्पताल के संचालक अनिल सिंह से अच्छी-खासी बातचीत होती थी। कोविडकाल के दौरान श्रीकांत की बातों में आकर उन्होंने दो बैंक से लोन लिया और रुपए श्रीकांत को दे दिए।

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