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डॉ. राजेश शर्मा की स्वीकारोक्ति, हां मैं टिकट की दौड़ में हूं

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  • – राजनीति को सेवा का माध्यम बनाना चाहते हैं
  • – चिकित्सा के क्षेत्र में नवाचार करने उठाए कदम

इटारसी। हां, मैं नर्मदापुरम विधानसभा से चुनाव में टिकट की दौड़ में हूं। लेकिन, आलाकमान का जो आदेश होगा, वही किया जाएगा। टिकट मिली तो चुनाव लडऩे की इच्छा है, इससे इनकार नहीं। नहीं तो वैसे भी सेवा करना है, उससे पीछे नहीं हटूंगा। मुझे कहीं से भी चुनाव लडऩे का कोई इशारा नहीं है, लेकिन सेवा के लिए राजनीति को माध्यम बनाने की इच्छा है।

यह स्वीकारोक्ति नर्मदा अपना अस्पताल के संचालक और वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. राजेश शर्मा ने यहां आयोजित एक पत्रकार वार्ता में की। उन्होंने कहा कि वे टिकट की दौड़ में हैं। मगर ये पार्टी आलाकमान पर निर्भर है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के लिए काम करना ही है।

समाज से लिया है, अब लौटाने का वक्त

डॉ. शर्मा ने कहा कि हम लगातार काम करते हैं, समाज से काफी कुछ लेते हैं, लेकिन जीवन में एक ऐसा पड़ाव आता है, जहां समाज को कुछ लौटाने का वक्त होता है। वे इसी पड़ाव पर हैं। ईश्वर ने 61 वर्ष की उम्र तक काफी दिया है। अब वे समाज को लौटाना चाहते हैं। अभी तक वे स्वास्थ्य के क्षेत्र में सेवा करते रहे हैं। राजनीति का क्षेत्र बड़ा होता है जहां से आप और बेहतर तरीके से और व्यापक पैमाने पर जनता की सेवा कर सकते हैं। उनका क्षेत्र भी नर्मदापुरम है और बहुत पहले से वे इस क्षेत्र से जुड़े हुए हैं इसलिए उनका मन तो नर्मदापुरम विस से लडऩे का है, मगर ये पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को तय करना है। हमने पिछले चुनाव में उम्मीदवारी की थी मगर निर्णय पार्टी को लेना रहता है। पार्टी जो निर्णय लेगी हम उसका पालन करेंगे।

अगली पीढ़ी को अनुभव देने का समय

डॉ. राजेश शर्मा ने कहा कि जीवन में मिली सफलता के अनुभव अगली पीढ़ी को देने का वक्त है, उनका काम इसी दिशा में चल रहा है। चिकित्सा के क्षेत्र में वे नवाचार कर रहे हैं। नर्मदापुरम में काम करने के भाव हैं और नये बच्चों के साथ नर्मदा अपना स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से सेवा का एक रोडमैप तैयार किया है। इसमें बच्चों को आकस्मिक चिकित्सा से कैसे निबटें, इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये वालिंटियर ग्राम पंचायत और वार्डों में रहेंगे। ऐसे पांच सौ बच्चों को तैयार करने का लक्ष्य है।

क्या करने की है योजना

पंचायत और वार्ड स्तर पर तैयार बच्चे आकस्मिक चिकित्सा के वक्त काम करेंगे। जैसे किसी को हृदयाघात होने पर तत्काल क्या किया जाए, दुर्घटना होने पर क्या किया जाए और इलाज मिलने के पूर्व क्या प्राथमिक उपचार मिले, कैसे जीवन को बचाएं, इस पर काम करेंगे। सड़क दुर्घटना के वक्त किसी को पता नहीं होता कि घायल को कैसे उठाएं, क्या उपचार दें ताकि वह अस्पताल तक पहुंच सके। सड़क किनारे ढाबों पर रहने वालों को प्रशिक्षण कर लोगों की जान बचायी जा सकती है। इसके अलावा पर्यावरण सुधार और बच्चों के लिए व्यक्तित्व निखार के कार्यक्रम किये जाएंगे।

जिले में बहुत काम हो सकता है

उन्होंने कहा कि नर्मदापुरम जिले में अभी और काम करने की संभावना है। यहां स्वास्थ्य, रोजगार, शिक्षा के क्षेत्र में और बेहतर काम किया जा सकता है। यहां अच्छे शैक्षणिक संस्थान, छोटे मेडिकल कॉलेज, आईआईएम जैसे संस्थान लाए जा सकते हैं। युवाओं के रोजगार के लिए काम हो सकते हैं। कुल मिलाकर नर्मदापुरम जिले में अभी काम की बहुत संभावनाएं नजर आती हैं।

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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