श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर में द्वादश ज्योर्तिलिंग पूजन एवं रूद्राभिषेक प्रारंभ

श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर में द्वादश ज्योर्तिलिंग पूजन एवं रूद्राभिषेक प्रारंभ

इटारसी। नगर के लक्कडग़ंज स्थित दुर्गा नवग्रह मंदिर में द्वितीय चरण के द्वादश ज्योर्तिलिंग पूजन एवं रूद्राभिषेक का शुभारंभ मंदिर के पुजारी पं. सत्येन्द्र पांडेय की उपस्थिति में मुख्य आचार्य पं. विनोद दुबे ने प्रारंभ किया। पूजन एवं रूद्राभिषेक में आचार्य पं. सत्येन्द्र पांडेय, पं. पीयूष पांडेय के द्वारा पूर्ण सहयोग किया जा रहा है।
नर्मदांचल के जाने माने शिवभक्त पं. विनोद दुबे पार्थिव ज्योर्तिलिंगो का निर्माण स्वंय कर रहे हैं तथा स्वंय के मार्गदर्शन में पूजन एवं रूद्राभिषेक संपन्न करा रहे हैं। श्री दुर्गा नवग्रह मंदिर शहर में एक मात्र ऐसा धार्मिक स्थान है, जहां पर सावनमास में अरब सागर, पवित्र नदियों के जल तथा प्रमुख तीर्थ स्थलों की मिट्टी से पार्थिव ज्योर्तिलिंगो का निर्माण एवं अभिषेक होता है।
श्री दुबे ने कहा कि शुक्रवार को प्रथम दिन गुजरात के सोमनाथ स्थित ज्योर्तिलिंग का निर्माण, पूजन एवं अभिषेक कराया गया एवं महिला भक्तों के द्वारा रूद्री निर्माण किया गया। उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रांता मो. गजनबी ने सोमनाथ के मंदिर को जब तोड़ा तब उसमें 200 मन (1 मन 40 किलो का) सोने का घंटा था, और मंदिर में 56 खंभे थे जो हीरे और रत्न जडि़त थे। यह मंदिर पूरे संसार भर में प्रसिद्ध है, तथा इस मंदिर के दरबार में नृत्य एवं गायन के लिए 350 नृत्यांगनाएं थीं तथा हरिद्वार प्रयाग काशी से प्रतिदिन गंगाजल लाया जाता था। इस मंदिर के नाम पर एक हजार गांव की जागीर थी।
पं. विनोद दुबे ने कहा कि इंदौर की होलकर रानी अहिल्याबाई ने इस मंदिर का जीर्वोद्वार कराया था। ज्योर्तिलिंग पूजन का पहला दिन होने के कारण मंदिर में भक्तों की भीड़ थी। यजमान, नारायण दुन्धवि ने सपत्नीक पूजन एवं रूद्राभिषेक कराया गया।

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AUTHORRohit

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