Editorial : ओमिक्रॉन का खतरा और ये लापरवाही
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Editorial : ओमिक्रॉन का खतरा और ये लापरवाही

रोहित नागे :

दुनियाभर में कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा बढ़ रहा है। यह कोरोना के दूसरे चरण में तबाही मचा चुके डेल्टा वेरिएंट से सात गुना तेजी से फैलता है। अभी ओमिक्रॉन के विषय में वैज्ञानिक भी सटीक नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं। वैज्ञानिक इसके जरिए कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जता रहे हैं और यहां दूसरी लहर में कई अपनों को गंवा चुके लोग भी लापरवाही करने से परहेज नहीं कर रहे हैं। यह लापरवाही कहीं जानलेवा साबित न हो जाए। इधर प्रशासन भी मास्क लगाने के लिए प्रेरित करने के अभियान की केवल रस्म अदायगी ही करता दिखाई दे रहा है। बाजार में एकाध जगह खड़े होकर कुछ लोगों को डांटना, समझाना, मास्क देना जैसे इवेंट करके ही प्रशासन अपने कर्तव्य की इतिश्री मान रहा है। बाजार पहुंचने वाले हर प्रमुख मार्ग पर टीम बनाकर खड़े करें और जुर्माना लगाना प्रारंभ करें तो कुछ बात बन सकती है, क्योंकि दूसरी लहर में भी लापरवाह लोगों की वजह से यह खतरनाक स्तर पर पहुंचा था। अब पुन: लोग बेफिक्र होकर बिना मास्क, बिना सेनेटाइजर और बिना सोशल डिस्टेंसिंग के घूम रहे हैं।
नगर पालिका को फिर से नगर में सेनेटाइजर के छिड़काव की ओर चलना चाहिए। जिले में मरीजों का मिलना प्रारंभ हो गया है और हर रोज पिपरिया, होशंगाबाद सहित अन्य शहरों और गांव से लोगों का आना-जाना इटारसी होता है। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड इसके वाहक बन सकते हैं। यहां खास ध्यान देने की जरूरत है। कम से कम रेलवे स्टेशन पर रैपिड जांच की सुविधा प्रारंभ कर देने से ही हम काफी बचाव कर सकते हैं।
हमारे यहां वायरस के आने का इंतजार करने का चलन है। देश के कई प्रदेशों में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। राजधानी भोपाल और व्यापारिक नगरी इंदौर में सबसे अधिक मरीज मिल रहे हैं। ऐसे में जिले का सबसे अधिक कोरोना प्रभावित नगर इटारसी अब तक बचा है। लेकिन, नागरिकों की लापरवाही और प्रशासन की बेफिक्री कहीं भारी न पड़ जाए। अन्यथा आने वाले दिनों में हमें फिर घर बैठना पड़ सकता है।

Rohit Nage

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