- – लंबा चक्कर लगाकर जा रहे थे मरीज और उनके परिजन
- – विधायक डॉ. शर्मा की जानकारी में आने के बाद खुला गेट
इटारसी। सुरक्षा की दृष्टि से जरूरी बताकर अस्पताल प्रबंधन ने पूर्वी गेट बंद करा दिया था। कुछ घंटे बंद रहने के बाद आखिरकार अस्पताल प्रबंधन को गेट खोलना पड़ा। बता दें कि नर्मदांचल डॉट कॉम में खबर प्रकाशन के बाद बंद गेट और मरीजों के परिजनों को हो रही परेशानी को देखते हुए विधायक डॉ.सीतासरन शर्मा के संज्ञान में मामला आया और उन्होंने इस गेट को खुलवाया।
बता दें कि कोलकाता के मेडिकल कालेज में घटना के बाद अस्पतालों में स्टाफ की सुरक्षा के लिए जरूरी बताते हुए अस्पताल प्रबंधन ने यहां डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी शासकीय अस्पताल का पूर्वी द्वार बंद कर दिया था। लोग दीवार फांदकर भीतर से बाहर और बाहर से भीतर आ-जा रहे थे। मरीजों के परिजनों का कहना था कि इससे उनको परेशानी हो रही है, क्योंकि बाजार अस्पताल के पूर्वी हिस्से में ही है, जहां जाने के लिए पूर्वी द्वार से करीब डेढ़ किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
दीवार फांद रहे थे लोग
दरअसल गेट बंद होने के बाद पैदल आने-जाने वाले दीवार फांद रहे थे, उनका कहना था कि पुरानी बिल्डिंग में भर्ती मरीजों से मिलने आने जाने के लिए यह गेट सबसे निकट और सरल है। मरीजों के परिजन भी बाजार आने-जाने के लिए इसी गेट का इस्तेमाल करते हैं। यह गेट बंद हो जाने से वाहन चालक तो लंबा चक्कर लगा सकते हैं, लेकिन जो पैदल हैं, उनके लिए बड़ी परेशानी हो गयी है।
प्रबंधन का मत यह था
अस्पताल प्रबंधन का कहना रहा है कि अस्पताल में तीन गेट हैं, जबकि नियमानुसार दो गेट ही होना चाहिए। पश्चिमी छोर पर मुख्य बिल्डिंग बन जाने से मुख्य द्वार अब पश्चिमी तरफ आ गया है। इसके साथ ही एक इमरजेंसी द्वार भी है, सुरक्षा समिति की बैठक में रात में केवल एक ही गेट खुले रखने को कहा गया है। रात के वक्त हम एक गेट और बंद रखेंगे, केवल एक गेट ही खुला रहेगा। हालांकि विधायक डॉ. शर्मा के हस्तक्षेप के बाद अस्पताल प्रबंधन ने बंद गेट खोल दिया।