भोपाल। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ताओं से बारिश (मानसून) में विद्युत सुरक्षा की ओर ध्यान देने की अपील की है। कंपनी ने उपभोक्ताओं से कुछ जानकारी साझा की है।
बिजली सुरक्षा के कुछ सूत्र
- – किसी घर/कारखाने की सारी वायरिंग किसी लाइसेंसधारी ठेकेदार द्वारा ही करवाई जानी चाहिए।
- – प्लग को इसका तार खींचकर किसी पावर प्वाइंट से अलग मत कीजिए। इसके बजाये प्लग को खींचिये।
- – जिन साकेटों तक छोटे बच्चों की पहुंच हो सकती है, वहां साकेट कवर का इस्तेमाल कीजिये।
- – एडेप्टर के प्रयोग से बचें और एडेप्टरों में एडेप्टर न लगाएं।
- – बिजली के जो उपकरण लगातार प्रयोग में न हों, उनके स्विच बंद कर दीजिये और सुनिश्चित कीजिये कि जब आप घर पर न हों तो बिजली के उपकरणों के प्लग निकले रहें और वे बंद रहें ताकि आग के खतरे और ऊर्जा की बर्बादी से बचा जा सके।
- – आईएसआई निशान वाले बिजली के उपकरणों का प्रयोग सुनिश्चित करें। उदाहरण के लिए खासतौर पर स्नानघर, शावर और गीजऱ में।
- – यह सुनिश्चित करें कि जब आप एक प्लग को निकाल रहे हों या लगा रहे हों तो आपके हाथ गीले न हों।
- – क्षतिग्रस्त तारों वाले बिजली के उपकरणों का प्रयोग न करें। क्षतिग्रस्त दिखने वाले तारों को बदल दें। प्रयोग में लाए जा रहे बिजली के सभी उपकरणों की नियमित रूप से जांच करें क्षतिग्रस्त सॉकेटों, एडेप्टरों और स्विच का प्रयोग न करें । वे जैसे ही खराब हों, उन्हें तुरंत बदल दें।
- – अगर बिजली संबंधी कोई मरम्मत कराई जा रही हो तो मेन स्विच को हमेशा बंद रखें। स्वयं मरम्मत का कार्य तभी करें जब आप इसके बारे मे जानते हों।
- – बरसात के दौरान, खुले स्थान में बिजली के उपकरण न चलाएं।
- – उपयुक्त रेटिंग वाले सर्किट ब्रेकरों और फ्यूजों का प्रयोग करें।
बिजली का झटका लगने से निपटना
बिजली के झटके से मामूली कष्ट से लेकर बुरी तरह जलना और हृदयगति रूकने जैसी घटनाएं हो सकती हैं। इसके शिकार के समक्ष जलने, नाड़ी धीमी पडऩे, सांस लेने में तकलीफ होने और बेहोश होने तक की भी स्थिति आ सकती है।
बिजली का झटका निम्न कारणों से लगता
- – खराब उपकरण।
- – क्षतिग्रस्त तार या एक्सटेंशन लीड।
- – पानी के संपर्क में आया हुआ बिजली का उपकरण।
- – घर की दोषपूर्ण वायरिंग। बिजली का झटका लगने पर बचाव के उपाय – घर की मुख्य पावर सप्लाई को तुरंत बंद कर दें।
- – चूंकि मानव शरीर बिजली का अच्छा संवाहक है। इसलिए करंट लगे व्यक्ति को पावर बंद होने तक दूसरे व्यक्तियों द्वारा नहीं छुआ जाना चाहिए ताकि वे स्वयं करंट से बचे रहें।
- – तुरंत आपातकालीन सेवा की सहायता लें और उन्हें विद्युत दुर्घटना के बारे में बताएं।
- – पावर सप्लाई बंद करने के बाद करंट लगे व्यक्ति की सांस और नाड़ी की जांच की जा सकती है, और उसे आपातकालीन प्राथमिक चिकित्सा दी जा सकती है। यदि आवश्यक हो तो इसके शिकार व्यक्ति को कृत्रिम श्वांस दें। इससे व्यक्ति के बचने के अवसर बढ़ सकते हैं। यदि इस कार्यावधि के बारे में सुनिश्चित नहीं है तो कृपया फोन निर्देशों के लिए एम्बुलेंस कार्मिकों से पूछताछ करें।
- – अगर रोगी सांस ले रहा है, एम्बुलेंस आने तक उससे बातचीत करते रहें। पीडि़त को देखने के लिए उसे हिलाए/डुलाएं नहीं।
- – घावों और जले हुए स्थानों को ऐसी पट्टियों से ढकें जो उस पर न चिपकें लेकिन जले स्थानों पर कभी भी किसी मरहम या तेल का प्रयोग न करें।