इटारसी। शासकीय कन्या महाविद्यालय इटारसी में ऊर्जा क्लब द्वारा अकादमिक उन्नयन हेतु राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर दो दिनी कार्यशाला में छात्राओं के लिए कई रोचक और ज्ञानवर्धक गतिविधियों जैसे कोडिंग वर्कशॉप, साइंस डिबेट, विज्ञान क्विज, विज्ञान प्रदर्शनी, पोस्टर मेकिंग, निबंध प्रतियोगिता, साइंस फार सोसाइटी प्रोजेक्ट्स, विज्ञान चलचित्र प्रदर्शन का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का प्रारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया। प्राचार्य डॉ. आरएस मेहरा ने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2025 की थीम का उद्देश्य युवाओं को विज्ञान और नवाचार के लिए सशक्त बनाना है, ताकि वे विकसित भारत के लिए वैश्विक नेतृत्व प्रदान कर सके। कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ डॉ. विनोद कुमार कृष्णा ने कहा कि हमारे देश का भविष्य विज्ञान और नवाचार पर निर्भर करता है। भारत के युवा, वैज्ञानिक, शोधकर्ता और विद्यार्थी अगर विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ेंगे तो भारत वैश्विक मंच पर एक अग्रणी वैज्ञानिक शक्ति बन सकता है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की उपयोगिता पर जोर देते हुए आवश्यक बदलाव के लिए तैयार रहने को कहा।
डॉ. हरप्रीत रंधावा ने कहा कि विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं है बल्कि यह हमारे जीवन के हर क्षेत्र में मौजूद है। आवश्यकता इस बात की है कि हम सभी वैज्ञानिक सोच को अपनाये और हर समस्या का तार्किक समाधान खोजें। अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा दें ताकि भारत आत्मनिर्भर बन सके। रमन प्रभाव की व्याख्या करते हुए कार्यक्रम समन्वयक एवं ऊर्जा नोडल अधिकारी डॉ. शिरीष परसाई ने कहा कि ज्ञान ही शक्ति और विज्ञान भविष्य की कुंजी है।
यदि भारत को वैश्विक वैज्ञानिक शक्ति बनाना है तो हमें सर चंद्रशेखर वेंकट रमन जैसे वैज्ञानिकों की आवश्यकता है जो नवाचार अनुसंधान और खोज को प्राथमिकता दें। देश के युवाओं को वैज्ञानिक सोच अपनानी होगी, अनुसंधान को बढ़ावा देना होगा और स्वदेशी तकनीक विकसित करनी होगी। वर्तमान में प्रचलित क्रांतिकारी विषय आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानव जाति के लिए वरदान है विषय पर महाविद्यालय में छात्राओं ने वाद-विवाद प्रतियोगिता के अंतर्गत पक्ष विपक्ष में विचार रखे।
विषय के पक्ष में छात्राओं ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लेकर आया है जो मशीनों को सोचने, निर्णय लेने और कार्य करने की क्षमता प्रदान करता है जिससे वह मनुष्यों की जटिल समस्याओं का समाधान कर सके जबकि विपक्ष में छात्राओं ने रोजगार संकट, नैतिक और कानूनी चुनौतियां, हथियार प्रणाली और सुरक्षा खतरों, मानव नियंत्रण से बाहर होने की आशंका, भावनाओं और मानव संवेदनाओं की कमी जैसे मुद्दे उठाकर विषय के विपक्ष में विचार रखे।
विषय विशेषज्ञ डॉ विनोद कुमार कृष्णा एवं निर्णायक मंडल ने निष्कर्ष स्वरूप कहा कि सदन का निर्णय है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानव जाति के लिए वरदान है, आवश्यकता इस बात की है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग पूर्ण नियंत्रण के साथ किया जाए। समन्वयक डॉ शिरीष परसाई पर ने बताया कि कार्यशाला में विभिन्न प्रतियोगिताओं को संपन्न कराने में महाविद्यालय के विज्ञान विभाग के प्राध्यापकों पूनम साहू, डॉ संजय आर्य, डॉ शिखा गुप्ता, डॉ श्रद्धा जैन, हेमंत गोहिया, करिश्मा कश्यप, शोभा मीणा, मंथन दुबे का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम में मंजरी अवस्थी, डॉ हर्षा शर्मा, रविंद्र चौरसिया, डॉ मुकेश चंद्र बिष्ट, डॉ सौरभ पगारे, क्षमा वर्मा, प्रिया कलोशिया, तरुणा तिवारी तथा छात्राएं उपस्थित थीं।