– गर्मी के मौसम में जब पानी की जरूरत, बहा दिया हजारों गैलन पानी
– एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे जिम्मेदार, नागरिकों में है नाराजी
इटारसी। करीब चार वर्ष पूर्व नर्मदांचल जल अभियान के अंतर्गत सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकराय होकर औद्योगिक क्षेत्र खेड़ा के सूखे तालाब का गहरीकरण करके जल संरक्षण के लिए काम किया था, उसमें भरे करीब तीस फुट की विशाल जलराशि में से साठ से सत्तर प्रतिशत की तालाब का तटबंध तोड़कर बहा दी गई।
औद्योगिक क्षेत्र खेड़ा के लबालब भरे तालाब के गहरीकरण के नाम पर ठेकेदार ने तटबंध तोड़कर हजारों गैलन पानी बहा दिया। शुक्रवार की रात रात करीब 11 बजे जानकारी मिलने के बाद नर्मदाचंल जल अभियान के सदस्यों ने मौके पर जाकर मिट्टी भरकर तटबंध से तेजी से बह रहे पानी को रोकने का प्रयास किया।
रात में जेसीबी का इंतजाम नहीं हो सका तो मिट्टी की दीवार खड़ी कर कुछ पानी बचा लिया। दूसरे दिन जेसीबी का इंतजाम करके तोड़ा गया तटबंध को अस्थायी तौर से फिर से दुरुस्त कर दिया है।
आश्चर्यजनक बात यह है कि सोनासांवरी ग्राम पंचायत की जमीन पर मौजूद तालाब में गाद जमा होने का हवाला देकर पंचायत ने ही ग्रामसभा में प्रस्ताव मंजूर किया था। तटबंध तोडऩे वाले ठेकेदार पुरुषोत्तम बड़कुर ने एसडीएम कार्यालय से खनन की अनुमति करा ली।
शुक्रवार दोपहर में बड़कुर ने पानी निकासी के लिए गड्डा गोदकर एक नाला बनाकर तालाब फोड़ दिया, भीषण गर्मी में हजारों गैलन पानी बर्बाद होकर बह गया।
दूसरे दिन जेसीबी से दुरुस्त किया तटबंध
शनिवार को नपाध्यक्ष पंकज चौरे ने जेसीबी का इंतजाम कराया और नर्मदांचल जल अभियान के सदस्यों ने मौके पर पहुंचकर अपने सामने तटबंध दुरुस्त कराया, साथ ही खोदे गए नाले का रास्ता बंद करा दिया है।
सांठगांठ से तालाब को नुकसान पहुंचाने की बात को लेकर जल अभियान से जुड़े सदस्यों ने नाराजी जताकर इस मामले में अनुमति देने वाली पंचायत एवं ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। शनिवार को जल अभियान सदस्य रोहित नागे, मंगेश यादव, कन्हैया गुरयानी, पार्षद प्रतिनिधि आकाश यादव मौके पर पहुंचे थे।
ओम साईंराम कंस्ट्रक्शन का उपयोग
अनुमति हासिल करने वाले ठेकेदार ने सांसद प्रतिनिधि राजा तिवारी की ओम सांई राम कंस्ट्रक्शन फर्म का उपयोग किया। राजा तिवारी के नाम से ही तालाब गहरीकरण कर गाद निकालने की अनुमति कराई, जबकि तिवारी ने कहा कि मैंने परिचित होने के नाते बड़कुर को खनन के लिए फर्म के कागजात दिए थे। इस खनन से मेरा कोई लेना देना नहीं है। इस मामले में बड़कुर से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव्ह नहीं किया।
तीन एकड़ क्षेत्र में है तालाब

खेड़ा क्षेत्र में उद्योग विभाग से सटा यह प्राचीन कच्चा तालाब है। करीब 3 एकड़ के इस तालाब में कई दशक पहले ताजिए विसर्जन भी होता रहा, बाद में आसपास अतिक्रमण भी हो गया। सन् 2019 में नर्मदाचंल जल अभियान के सदस्यों ने जनभागीदारी से तालाब गहरीकरण का कार्य किया था।
विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा ने तालाब किनारे पाथवे, सुंदरीकरण कर इसे पिकनिक स्पाट के रूप में विकसित करने की योजना बनाई थी। परिषद की बैठक में इसका प्रस्ताव भी मंजूर हो चुका है।
इनका कहना है…
ओम सांई राम की फर्म पर एक परिचित ने पंचायत, खनिज एवं प्रशासनिक अनुमति कराई थी, तालाब के संंबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है, बाद में पता चला कि तालाब में पानी भरा हुआ है।
राजा तिवारी, सांसद प्रतिनिधि
तालाब खनन की अनुमति एसडीएम कार्यालय से जारी हुई है, हमारे यहां से अभिमत मांगा गया था, इसे जारी किया गया था, हमने गहरीकरण के लिए सहमति दी थी।
विवेक चिमानिया, पंचायत सचिव सोनासांवरी।
ये हुआ है फायदा
कुछ साल पहले शहर के युवाओं ने जनभागीदारी से तालाब का गहरीकरण किया और अच्छी बारिश होने से तालाब लबालब भर गया। बुजुर्ग बताते हैं कि इतना पानी इस तालाब में पहले कभी नहीं देखा। इस तालाब से पूरे क्षेत्र का भूमिगत जलस्तर तेजी से बढ़ा है। तीन साल से यहां पानी की कमी नहीं आई।
रात में शिकायत मिलते ही हम लोग पहुंचे थे, तालाब की पाल बना दी थी, इसे शनिवार को बंद कराया है। इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई होना चाहिए। सरकार जल संरक्षण के प्रयास कर रही है, यहां ठेकेदार की लापरवाही से पूरा तालाब सूख गया।
कन्हैया गुरयानी, नर्मदाचंल जल अभियान सदस्य
यह तालाब पूरे क्षेत्र को रिचार्ज करता है, गहरीकरण के बाद पूरे इलाके में जलसंकट नहीं हुआ। मवेशियों की प्यास भी बुझती है, हमें प्रशासन ने किसी तरह की जानकारी नहीं दी।
दोपहर में ठेकेदार की मशीन ने तटबंध तोड़कर नाला बना दिया, इससे पूरा तालाब सूख गया है, इस साल अच्छी वर्षा नहीं हुई तो पूरे इलाके में जलसंकट होगा। रात में शिकायत मिलने के बाद हमने सूचना दी थी।
मीरा राजकुमार यादव, पार्षद खेड़ा