हिन्दी दिवस पर हुई निबंध, भाषण प्रतियोगिताएं और काव्य पाठ

Post by: Rohit Nage

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Essay, speech competitions and poetry recitation held on Hindi Diwas

इटारसी। हिन्दी दिवस पर आज शैक्षणिक संस्थाओं में हिन्दी पर आधारित अनेक प्रतियोगिताएं हुईं तो छात्र-छात्राओं ने काव्यपाठ भी किये। वक्ताओं ने विद्यार्थियों की हिन्दी की उपयोगिता और उसके महत्व से अवगत कराया।

एमजीएम कॉलेज (MGM College) में प्राचार्य डॉ. राकेश मेहता (Dr. Rakesh Mehta), वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. अरविंद शर्मा (Senior Professor Dr. Arvind Sharma), डॉ. रश्मि तिवारी (Dr. Rashmi Tiwari), डॉ. अर्चना शर्मा (Dr. Archana Sharma), स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. पीके अग्रवाल, हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. संतोष अहिरवार ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर किया।

वैश्विक परिदृश्य में हिंदी का बढ़ता महत्व

बदलते परिदृश्य में हिंदी का सामर्थ और संभावना विषय पर भाषण, कविता पाठ एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता हुई। छात्रा कोमल मनवारे, रानी मांझी, कात्यानि कौरव, छात्र श्याम सोनी, आकाश चौधरी, अश्विनी ने स्वरचित एवं कवियों की कविता पाठ कर हिंदी भाषा के प्रति अपने भाव व्यक्त किए। प्राचार्य डॉ. राकेश मेहता ने वैश्विक स्तर पर हिंदी के बढ़ते कदम और हिंदी में छिपी असीमित संभावनाओं पर प्रकाश डाला। वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ अरविंद शर्मा ने वर्तमान समय में हिंदी के महत्व और आवश्यकता पर बल दिया। गणित विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ रश्मि तिवारी ने विद्यार्थियों को इंग्लिश और हिंग्लिश की अपेक्षा देवनागरी लिपि लिखने का आह्वान किया।

स्वामी विवेकानंद एकरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. पीके अग्रवाल ने प्रतियोगिताओं में हिंदी की तैयारी, बॉलीवुड में हिंदी के उपयोग और हिंदी साहित्यकार को नमन किया। हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ संतोष अहिरवार ने हिंदी की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त की। डॉ.मनीष चौरे ने हिंदी के नमस्कार, स्वागत, बंधन, क्षमा, कृपया, सुप्रभात, शुभ रात्रि, हां, नहीं शब्दों को अपने दैनिक जीवन में अपनाकर हिंदी के प्रति सम्मान की बात कही। निबंध प्रतियोगिता में छात्रा लक्ष्मी भदौरिया, अंकिता यादव, हुमेरा, कोमल मनवारे, रिया मांझी, आरती पांडे, विनीता बरखने, श्याम सोनी आदि छात्र छात्राओं ने प्रतिभागिता की। कार्यक्रम में वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. ओपी शर्मा, डॉ.दिनेश कुमार, श्री संजीव कैथवास, डॉ आशुतोष मालवीय, श्रीमती मीरा यादव, श्रीमती प्रिया मालवीय, कुमारी दुर्गेश यादव, डॉ. योगेश गौर, कार्तिकेय पटेल एवं बड़ी संख्या में महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं एवं एनसीसी कैडेट्स उपस्थित रहे।

हिन्दी हमारी राष्ट्रीय पहचान है

भगवान बिरसा मुंडा शासकीय महाविद्यालय सुखतवा (Lord Birsa Munda Government College Sukhtawa) में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ एवं हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी दिवस पर विशेष कार्यक्रम में प्राचार्य श्रीमती कामधेनु पटोदिया (Principal Smt. Kamdhenu Patodiyao) ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय पहचान और सांस्कृतिक धरोहर है, हमें इस पर गर्व है। हिंदी विषय में भारतीय ज्ञान परम्परा के विविध संदर्भ पर परिचर्चा, हिंदी भाषा पर विद्यार्थियों में तनु शुक्ला, साक्षी उइके, ममता कासदे, अजय टेकाम, शेख शाइन, मोनिका, मयंक, शालू, मुस्कान एवं हेमंत ने वक्तव्य प्रस्तुत किए। निबंध प्रतियोगिता में दिलीप मरकाम ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम में डॉ. हिमांशु चौरसिया, डॉ राधा आशीष पांडे, डॉ वेद प्रकाश भारद्वाज, डॉ सौरभ तिवारी, डॉ प्रवीण कुशवाह, डॉ पूर्णिमा अतुलकर, श्रीमती संध्या उपाध्याय, उमेश पहाड़े उपस्थित रहे। मंच संचालन डॉ सतीश ठाकरे ने एवं आभार डॉ मंजू मालवीय ने व्यक्त किया।

पोस्टर, निबंध प्रतियोगिता एवं व्याख्यान

शासकीय कन्या महाविद्यालय (Government Girls College), इटारसी (Itarsi) में हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में पोस्टर, निबंध प्रतियोगिता एवं व्याख्यान का आयोजन किया। मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता साहित्यकार एवं सेवानिवृत्त प्राध्यापक डॉ. श्रीराम निवारिया (Dr. Shriram Niwariya) रहे। प्राचार्य डॉ. आरएस मेहरा (Principal Dr. RS Mehra) ने कहा कि हिंदी भाषा सहज, सरल एवं सरस होने के कारण अपनी सीमाओं से बाहर आकर नई प्रौद्योगिकी और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की भाषा बन रही है।

मुख्य वक्ता डॉ. श्रीराम निवारिया ने कहा कि हिंदी गौरव दिवस मनाने की आवश्यकता है। केवल दिवस मनाना तो किसी विषय की कमी और कमजोरी का द्योतक है। डॉ. हरप्रीत रंधावा (Dr. Harpreet Randhawa) ने कहा कि हिंदी को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भाषा बनाने से प्रदेश में आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सकारात्मक परिवर्तन आया है। हिंदी, विभागाध्यक्ष, डॉ. नेहा सिकरवार (Dr. Neha Sikarwar) ने कहा कि सरलता के कारण हिंदी भाषा सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। संयोजक डॉ. संजय आर्य (Dr. Sanjay Arya) ने कहा कि हिंदी भाषा का उपयोग विज्ञान, प्रौद्योगिकी, शिक्षा एवं अन्य क्षेत्रों में किया जाता है।

डॉ. शिरीष परसाई ने कहा कि जिस प्रकार प्राण का संबंध शरीर से होता है उसी प्रकार हिंदी भाषा का संबंध भारत से है। आभार रविन्द्र चौरसिया ने किया। निबंध प्रतियोगिता में प्रथम रजनी कासदे, द्वितीय मुस्कान नागेश एवं तृतीय सेजल चौरे व फूलवती अहिरवार, पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम निकिता केवट, द्वितीय तमन्ना चंदेले एवं तृतीय साक्षी सेन ने प्राप्त किया। इस अवसर में डॉ. हरप्रीत रंधावा, मंजरी अवस्थी, रविन्द्र चौरसिया, डॉ. संजय आर्य, डॉ. हर्षा शर्मा, डॉ. शिरीष परसाई, पूनम साहू, डॉ. शिखा गुप्ता, डॉ. श्रद्धा जैन, हेमंत गोहिया, प्रिया कलोसिया, शोभा मीना, क्षमा वर्मा, करिश्मा कश्यप सहित अधिक संख्या में छात्राए उपस्थित थीं।

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