इटारसी। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता राजकुमार केलू उपाध्याय (Rajkumar Kelu Upadhyay) ने कहा कि भाजपाई अनर्थ व्यवस्था का गर्त में गिरता विकास मप्र भाजपा सरकार ने आज 2 लाख 97 हजार करोड़ रुपए का एक मनगढंत आंकड़ों के आधार पर अतिकाल्पनिक बजट पेश किया है।
भाजपा सरकार ने मप्र में देश की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का बखान किया। मगर मप्र के नागरिक कह रहे हैं कि प्रदेश में तेजी से बढ़ती गरीबी, तेजी से बढ़ती बेरोजारी,तेजी से बढ़ता भ्रष्टाचार,तेजी से बढ़ताअपराध, तेजी से बढ़ता कुपोषण, तेजी से मरती गोमाताएं तो देखी हैं, मगर तेजी से बढ़ता विकास नहीं दिखायी दिया। भाजपा सरकार ने विकास को गर्त में धकेल दिया। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुरानी बजट की घोषणाओं को कूड़ेदान में डालते हैं और सुर्खियां बटोरने मात्र के लिए नयी घोषणाएं करते जाते हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि फर्जी आंकड़ों का खेल 2020-21 में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 146376.78 करोड़ रुपए थी। जिसे बेहद बढ़ाकर 2022-23 में 195179.69 करोड़ रुपए बताया है जो पूरी तरह काल्पनिक है। बढ़ता राजस्व व्यय लगातार घटता पूंजीगत व्यय में सच्चाई यह है कि 2020-21 में वास्तविक पूंजीगत व्यय मात्र 30355.77 करोड़ रुपए था, 2020-21 के बजट में इसे 40666.76 करोड़ रू. बताया था,जबकि पुनरीक्षित अनुमान में यह 37089.06 करोड़ रुपए है और वास्तविक आंकड़े जब आयेंगे वह इससे भी कम होंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश का कर्ज का ब्याज भुगतान, और स्थापना का खर्च, कुल राजस्व प्राप्तियों का 47.75 प्रतिशत तक पहुंच गया है। अर्थात 2022-23 में बजट अनुमानों के आधार पर यह खर्च 195179.69 करोड़ रू. तक पहुंच गया है। भाजपा सरकार ने प्रदेश के नागरिकों को आकंठ कर्ज में डुबो दिया।
मप्र के किसानों के साथ कुठाराघात करते हुए किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के बजट में मात्र 3 प्रतिशत की वृद्धि की है। उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण का बजट तो 4 प्रतिशत कम कर दिया है। इसी तरह नगरीय विकास और आवास विभाग का बजट भी पिछले वर्ष की तुलना में एक प्रतिशत कम कर दिया है। जल संसाधन विभाग के बजट में भी 7 प्रतिशत की कटौती की है। नर्मदाघाटी विकास विभाग का बजट भी 11 प्रतिशत कम किया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग का बजट भी 4 प्रतिशत कम कर दिया है। उच्च शिक्षा विभाग में मात्र 01 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग में सिर्फ 01 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। अर्थात प्रदेश के अन्नदाता-भाग्यविधाता किसानों और प्रदेश के अधोसंरचना विकास और सामाजिक सरोकारों के साथ कुठाराघात किया गया है।
प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति 51 हजार रुपए का कर्जदार


Rohit Nage
Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.
For Feedback - info[@]narmadanchal.com






