नर्मदापुरम। इस समय कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि के कारण किसानों की गेहूं, चना व अन्य रबी फसल बरबाद हो गई है। इस ओलावृष्टि से प्रभावित किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत व्यक्तिगत फसल बीमा क्लेम कर सकते हैं। उन्हें इसके लिए राष्ट्रीय कृषि फसल बीमा कंपनी भोपाल को 72 घंटे के अन्दर फसल नुकसानी की लिखित सूचना देना चहिए।
एडवोकेट दिनेश यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत किसानों को 2 प्रकार से फसल बीमा राशि दी जाती है। पटवारी हल्का में होने वाली नुकसानी का राजस्व विभाग द्वारा किये जाने वाले सर्वे के आधार पर भी किसान बीमा क्लेम के पात्र होते हैं, मगर ऐसे किसान जिनकी फसल ओलावृष्टि से खराब होती है, वे भले ही पूरे गांव की फसल अच्छी हो, ऐसे किसान बीमा कंपनी को 72 घंटे के अंदर सूचना देकर व्यक्तिगत फसल बीमा क्लेम कर सकते हैं। इन किसानों को बीमा कपंनी द्वारा निर्धारित फार्म में बीमा कंपनी को ईमेल द्वारा सूचना देना चाहिए। किसानों को यह सावधानी रखना चाहिए कि सूचना ओलावृष्टि के 72 घंटे के अन्दर देना है। बैंक में जिस फसल का बीमा प्रीमियम काटा गया है, या जिस फसल का बीमा किया गया है, उसी फसल के लिए क्लेम करना चाहिए।
यदि गेहूं का बीमा किया है, तो अन्य फसल का बीमा नहीं मिलेगा तथा फसल खराब होने का कारण ओलावृष्टि ही लिखना है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत ऐसे किसानों का 7 दिन के अन्दर सर्वे होता है, 15 दिन में बीमा राशि का निर्धारण होकर 21 दिन में बीमा कंपनी द्वारा बीमा क्लेम का भुगतान किसानों को किया जाना अनिवार्य है। साक्ष्य के तौर पर किसान अपनी खराब हुई फसल का फोटो, अखबारों में संबंधित समाचार की कतरन भी रख सकते है। किसानों को बीमा प्रीमियम की राशि बैंक खाता नंबर, खसरा नंबर व आधार कार्ड की जानकारी भी आवेदन में देना चाहिए। यह आवेदन बीमा कंपनी के अलावा खाता धारक बैंक, कृषि विभाग अधिकारी व तहसील कार्यालय में देकर पावती अपने पास रखना चाहिए।