सिवनी मालवा। तहसील के अंतर्गत ग्राम तिनस्या के किसान की कृषि भूमि से संबंधित जानकारी सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया सिवनी मालवा द्वारा पोर्टल पर दर्ज नहीं करने के कारण तथा किसान की सोयाबीन फसल को बदलकर धान फसल लिख देने से किसान फसल बीमा राशि से वंचित हो गये थे। इन किसानों को उपभोक्ता आयोग नर्मदापुरम के आदेश के बाद अपनी फसल बीमा राशि बैंक द्वारा दी जायेगी। यह आदेश आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश विजय कुमार पांडेय व सदस्य सरिता द्विवेदी ने दिया है।
एडवोकेट दिनेश यादव ने बताया कि ग्राम तिनस्या के किसान गोविन्द सिंह पिता साहब सिंह के साथ परिवार के अन्य सदस्यों की कृषि भूमि से संबंधित जानकारी सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया सिवनी मालवा द्वारा केन्द्र सरकार के पोर्टल पर दर्ज नहीं की गई, जिसके कारण किसान की सोयाबीन फसल खरीफ 2020 का बीमा ही नहीं हो सका, जबकि बैंक द्वारा किसान की बीमा प्रीमियम राशि काट ली गई थी। इस कारण किसान बीमा राशि प्राप्त करने से वंचित रह गया। इसी प्रकार ग्राम धामनिया के किसान अर्जुन सिंह पिता भारतसिंह व परिवार के 3 अन्य सदस्यों ने अपनी कृषि भूमि में सोयाबीन फसल बोई थी, मगर आईसीआईसीआई बैंक शाखा सिवनी मालवा द्वारा किसान की सोयाबीन के स्थान पर धान फसल का बीमा कर दिया, जिस कारण किसान बीमा राशि प्राप्त करने से वंचित रह गया था।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना गाईड लाईन के अनुसार उपभोक्ता आयोग ने इन दोनों प्रकरण में संबंधित बैंकों को ही दोषी मानते हुए धामनियां के किसान अर्जुनसिंह को 38606 रुपए बीमा राशि तथा 10000 रुपए मानसिक संत्रास, वाद व्यय सहित कुल 48606 रुपए का भुगतान करने का आईसीआईसीआई बैंक सिवनी मालवा को आदेश दिया। इसी प्रकार ग्राम तिनस्या के गोविन्द सिंह पिता साहबसिंह को 50838 रुपए बीमा राशि तथा 13000 रुपए मानसिक संत्रास व वाद व्यय सहित कुल 63838 रुपए का भुगतान करने के आदेश सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया सिवनी मालवा को दिया। इन किसानों को परिवाद प्रस्तुत दिनांक से भुगतान दिवस तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी मिलेगी।