---Advertisement---
City Center
Click to rate this post!
[Total: 0 Average: 0]

किसान भाई दलहन और तिलहन फसलों की बोनी रेज्डबेड एवं रिजफरों पद्धति से करें

By
On:
Follow Us

खरीफ के लिये धान के अतिरिक्त मक्का, ज्वार, मूंग, उड़द, तिल एवं अरहर फसलों को लगाए किसान भाई

होशंगाबाद। जिले के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. सजीव कुमार गर्ग (Scientist Dr. Sajeev Kumar Garg) द्वारा किसान भाईयो के लिये आगामी खरीफ सीजन के लिये समसामयिक सलाह जारी की गई है। डॉ. गर्ग द्वारा बताया गया है कि जिले में मुख्य रूप से धान की फसल की बुवाई की जाती है। धान कम अवधि की उन्नत किस्म जैसे जे आर. 201, जे आर. 206, जे. आर. 81, जे. आर. 676, एम यू.टी. 10–10, दन्तेश्वरी, सहभागी तथा मध्यम अवधि की किस्में क्रांति, महामाया, आई. आर.36 एवं 64 पूसा बासमति एक तथा पूसा सुगंधा 5. पी. एस. 3. पी. एस. 4. पी. ए.6129, पी. ए.6201 की बुवाई या रोपाई करें। बीज उपचार फफूंदनाशी रोपा डालने से पूर्व बीज को स्यूडोमोनास फ्लोरेंसिस- 4.एस. एफ 30 वीटावेक्स एवं कीटनाशी थायोमिथाक्जाम 4 ग्राम मात्रा प्रति किलो बीज के हिसाब से उपचारित करना चाहिए मृदा परीक्षण परिणाम के आधार पर संतुलित उर्वरक। 100:60:40 नाईट्रोजन फास्फोरस एवं पोटाश का प्रयोग एवं उपयुक्त प्रति हे .ग्रा. नीदानाषक दवा से खरपतवार का प्रबंधन करे। जिन किसानभाईयो के खेत धान हेतु उपर्युक्त नही है एवं धान के अतिरिक्त अन्य फसलो की बुवाई करना चाहते है, वह किसान भाई विकल्प के रूप में मक्का, ज्वार, मूंग, उड़द, तिल एवं अरहर फसलों का बुवाई हेतु चयन कर सकते है एवं यह फसलें खरीफ सीजन हेतु उपर्युक्त एवं अतिरिक्त विकल्प के रूप में अपनाई जा सकती है।
ज्वार की बुआई के लिए जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई के प्रथम सप्ताह तक उपयुक्त समय है। ज्वार के बीज की मात्रा सामान्य) संकुल ( किस्मों के लिए 10-12 कि.ग्रा. और संकर किस्मों के लिए 8-9 कि.ग्रा/ हैक्टर उपयुक्त रहती है। प्रमुख किस्मे जेजे 741, जेजे 938, जेजे 1041, जीजे 38, जीजे 39, जीजे 40, जीजे 41, एसपीवी 96, एसपीवी 881, सीओ 24, 35, सीओ 25, सीओ 26, सीओ 27, सीओ एस 28) आदि प्रमुख हैं।
किसान भाइयों को सलाह दी गई है कि देर से मानसून की स्थिति में उड़द और मूंग की बुवाई समान्यतः 05 जुलाई के बाद 20 से 25 जुलाई तक करना चाहिये। उड़द की उन्नत किस्म जेयू-86, पीयू 31, पीयू-19 पीयू-1 एवं आईपीयू 94-1 के साथ कूड एवं नाली विधि से बुवाई करे।
अरहर की अधिक उत्पादन देने वाली किस्में जैसे राजीव लौचन, टी.जे.टी 501. आई.पी. पी. एल 87. तथा राजेशवरी किस्मों का प्रयोग करें तथा बीज उपचार के बाद जून के आखिरी सप्ताह तथा जुलाई प्रथम सप्ताह तक लाईन से बुवाई करें। यदि किसान भाई सोयाबीन की बोनी करना चाहते है तो रेज्डबेड एवं रिज फरों पद्धति से बोनी करे, जिससे अधिक मात्रा में पानी गिरने पर फसलों को नुकसान न हो एवं पानी की कमी पर पर्याप्त नमी बनी रहे। किसानभाईयो को सलाह दी जाती है कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड की अनुशंसा के अनुसार संतुलित उर्वरकों का उपयोग करे।

For Feedback - info[@]narmadanchal.com
Join Our WhatsApp Channel
Advertisement
Vardhman school results

Leave a Comment

error: Content is protected !!
Narmadanchal News
Privacy Overview

This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.