सिवनी मालवा। विगत 28 और 29 अप्रैल को सिवनी मालवा क्षेत्र में ओलावृष्टि और भारी बारिश (hail and heavy rain) हुई जिसके कारण कई गांवों में बहुत ज्यादा नुकसान हुआ। ग्रीष्मकालीन मूंग की फसल 10 से 15 दिन में कटाई के लिए तैयार थी लेकिन ओलावृष्टि के कारण कई गांव में फसल पूरी तरह चौपट हो गई, ऐसी स्थिति में किसान को सरकार से राहत राशि की आशा है। लेकिन अभी तक बराबर सर्वे रिपोर्ट नहीं बनाई गई।
मोरन और गंजाल नदी (Moran and Ganjal River) में सब्जी भाजी और तरबूज की बाड़ी पूरी तरह नष्ट हो चुकी है। किसानों का कहना है कि हमारी झोपड़ी और उसमें रखा सामान तक बह गया, लेकिन 5 दिनों के बाद भी अभी तक कोई भी सरकारी कर्मचारी अधिकारी यहां जायजा लेने नहीं आया। जिसके कारण आज कई गांव के किसान तहसील कार्यालय में एकत्र होकर अपना ज्ञापन देने आए थे। आम आदमी पार्टी नेता समित पटेल ने प्रभारी तहसीलदार से यह जानना चाहा कि नुकसान का सर्वे और मुआवजा राशि कितने दिनों में बांट दी जाएगी। मूंग की फसल और नदी में बाड़ी दोनों में बहुत लागत आती है और सब्जी भाजी और तरबूज निकलना शुरू हुए थे कि नदी में बाढ़ आ गई। साथ ही साथ मूंग की फसल भी कटाई को तैयार थी, लेकिन पूरी लागत लगाने के बाद ओलावृष्टि के कारण हमारे किसानों की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है और किसान हित में सरकार 2 दिनों के अंदर सर्वे कर 10 दिनों में मुआवजा राशि दे, जिससे किसान बारिश की फसल की तैयारी कर सके।
प्रभारी तहसीलदार केवल आश्वासन देते रहे लेकिन किसान भी कहां मानने वाले थे। किसानों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आप बड़े अधिकारियों से बात करिए और हमें सही समय बताएं, तब तक किसान तहसील गेट पर ही बैठकर धरना देंगे। किसानों ने 1 घंटे तहसील गेट पर बैठकर ही धरना दिया, जिस पर पुलिस प्रशासन वहां पहुंचा और किसानों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन किसान अडिग रहे। आखिर में प्रभारी तहसीलदार ने किसानों से बात कर 5 दिनों के अंदर सर्वे करने और जल्द मुआवजा देने की बात कही, तब किसानों ने 15 दिनों के अंदर मुआवजा देने की बात रखी और मुआवजा नहीं मिलने की स्थिति में सड़क पर बैठकर और आंदोलन करके अपना हक लेने की बात कही। क्षेत्र के पीडि़त किसानों के साथ दर्जनों महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी थी।