- दो छात्रों का उपचार भोपाल के अस्पताल में किया जा रहा है
- इटारसी में तीन दिन के बाद हालत बिगडऩे पर भोपाल रेफर
इटारसी। बारिश के दौर में डेंगू रोग का खौ$फ है। खासकर ग्रामीण इलाकों में बुखार के मरीज बहुतायत में मिल रहे हैं। अभी कुछ दिन पूर्व निकट के गांव दमदम में डेंगू के मरीज होने की बात सामने आयी थी, लेकिन जिला मलेरिया विभाग इसे नकारता रहा है। अब तवानगर में डेंगू के मरीज सामने आने का दावा गांव के लोग कर रहे हैं। यहां के दो छात्रों का निजी अस्पताल में उपचार चला। बावजूद इसके जिला मलेरिया विभाग डेंगू को नकारकर सामान्य बुखार की बात कर रहा है।
तवानगर में डेंगू के दो मरीज मिलने का दावा वहां के जिम्मेदार कर रहे हैं, एक छात्रा भी अभी संदिग्ध है। दो मरीजों को तेज बुखार और सुधार नहीं होने के बाद इटारसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती होने के तीन दिन बाद उसकी हालत बिगड़ी तो यहां से बंसल अस्पताल रेफर किया। वहां वह वेंटीलेटर पर है। दूसरे मरीज को भी कल हालत बिगडऩे पर रैफर किया है।
तवानगर निवासी अधिवक्ता और अंत्योदय समिति के अध्यक्ष भूपेश साहू का कहना है कि चिकित्सा विभाग से जो भी कर्मचारी आते हैं, वे खानापूर्ति करके चले जाते हैं। बारहवी के छात्र की हालत गंभीर है, उसका उपचार बंसल अस्पताल भोपाल में चल रहा है, वह वेंटीलेटर पर है। दूसरे मरीज की हालत भी बिगडऩे पर इटारसी के निजी अस्पताल से भोपाल रेफर किया है। तवानगर मेें और भी मरीज हैं, चिकित्सा विभाग को इसे गंभीरता से लेकर मरीजों की जांच कराना चाहिए।
मलेरिया विभाग को जानकारी नहीं
इधर जिला मलेरिया विभाग को तवानगर में ऐसे किसी मरीज के होने की जानकारी नहीं है। विभाग के जिम्मेदार कहते हंै कि इन दिनों बुखार के मरीज बहुतायत में मिल रहे हैं, लोग इसे डेंगू से जोडक़र देख रहे हैं। हमारे पास तवानगर में डेंगू के मरीज होने की कोई जानकारी नहीं है। आश्चर्य इस बात का है कि तवानगर में जाने वाले चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों ने अपने विभाग को भी कोई जानकारी नहीं दी है, ऐसे में ग्रामीण अंचलों की चिकित्सा व्यवस्था किस कदर लापरवाही से चल रही है, यह समझा जा सकता है।
इनका कहना है…
तवानगर में डेंगू को कोई भी मरीज नहीं है, इन दिनों बुखार के मरीज बहुत मिल रहे हैं। संदिग्ध मरीज हो सकते हैं, लेकिन डेंगू के मरीज कहना उचित नहीं है।
डॉ. अरुण श्रीवास्तव, जिला मलेरिया अधिकारी
हमारे पास सूचना आने पर हमने टीम भेजी है, टीम अभी तवानगर में ही है, वापस आने पर पता चलेगा कि क्या स्थिति है। जहां तक दो मरीज की बात है, तो स्वयं कहीं इलाज करा रहे हैं, हमें जानकारी नहीं है, हमने किसी को रेफर नहीं किया है।
डॉ. सपन गोयल, बीएमओ केसला