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फोरलेन पर चेक पोस्ट नहीं होने से वन उपज चोरी की आशंका

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  • अनुपयोगी हुआ वन विभाग का बागदेव नाका

इटारसी। जब से फोरलेन चालू हुआ है तब से पथरोटा बागदेव वन चौकी अनुपयोगी हो चुकी है। कोई भी वाहन सीधे फोरलेन से निकल जाते हैं। ऐसे में वन उपज चोरी होने की आशंका बनी रहती है। पहले वन चौकी होने से वाहनों की जांच की जाती थी। जांच के दौरान इमारती लकडिय़ां एवं अन्य वन उपज की चोरी से परिवहन करते लोग पकड़ा जाते थे। जब से फोर लेन चालू हुआ है, तब से वन संपदाओं की चोरी और उसके परिवहन से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

केसला ब्लाक के अलावा सुखतवा, भौंरा, शाहपुर आदिवासी क्षेत्र होने के कारण यहां वन माफिया सक्रिय रहते हैं, जो आसानी से सागौन की इमारती लकड़ी और अन्य वन्य उपज चोरी करके वाहनों से सीधे फोरलेन से होते हुए निकल सकते हैं। जब तक फोरलेन चालू नहीं हुआ था, तब राष्ट्रीय राजमार्ग 69 के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं था। इसलिए कोई भी चोरी का माल परिवहन करने में घबराता था, क्योंकि बागदेव के पास वन चौकी एवं नाका था। नाके पर ऐसे सभी वाहनों की जांच की जाती थी।

पकड़े जा चुके हैं कई सागौन तस्कर

बता दें कि फोरलेन चालू होने के पहले इसी वन चैकी के नाके पर एवं मुखबिर की सूचना पर कई माफियाओं को वन विभाग की टीम पकड़ चुकी है। कुछ सालों पहले दूसरे जिलों के तस्करों को भी वन विभाग की टीम ने पकड़ा था। वह बड़ी मात्रा में सागौन की तस्करी करते हुए पकड़े गए थे। इसके अलावा आसपास के क्षेत्रों के भी सागौन माफिया नाके की वजह से पकड़े जा चुके हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों से सागौन की चोरी एवं परिवहन करते हुए गिने चुने लोग ही पकड़े जा सके हैं। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि फोरलेन के कारण सागौन तस्कर एवं अन्य वन्य उपज की चोरी कर सीधे निकले जाते है। यदि नाका होता तो जरूर कई मामलों का खुलासा और हो सकता था। नहीं नजर आते कर्मचारी बागदेव वन चैकी के सामने से जब से आवागमन कम हुआ तब से यहां स्टाफ की भी काफी कमी हो चुकी है। गिने चुने कर्मचारी यहां देखे जाते हैं। अक्सर वह भी नदारत रहते हैं। ऐसे में नाके की उपयोगिता लगभग समाप्त हो चुकी है।

इनका कहना है…

यह सही है कि फोरलेन के कारण वाहन अब बागदेव नाके से कम ही गुजरते हैं। नाके को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने के लिए भोपाल मुख्यालय में पत्राचार किया जा रहा है। मुख्यालय से अनुमति मिलने के बाद ही नाके को दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है।

मानसिंह मरावी, एसडीओ फारेस्ट

Rohit Nage

Rohit Nage has 30 years' experience in the field of journalism. He has vast experience of writing articles, news story, sports news, political news.

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