अवैध रूप से उर्वरक बेचने वाले पर एफआईआर
illegally selling fertilizers

अवैध रूप से उर्वरक बेचने वाले पर एफआईआर

होशंगाबाद। डोलरिया में अवैध रूप से उर्वरक बेचने (illegally selling fertilizers) के एक मामले में विक्रेता के विरुद्ध थाना डोलरिया में एफआईआर (FIR) दर्ज कराई है। उप संचालक कृषि जेआर हेडाऊ (Deputy Director Agriculture JR Hedeau) ने बताया कि डोलरिया के सेमरीखुर्द निवासी अजित सिंह राजपूत पिता गुलाबसिंह राजपूत प्रोपराइटर भूमि कृषि सेवा केन्द्र डोलरिया द्वारा वैध उर्वरक विक्रय लायसेंस के बिना, बिना पक्का बिल के एवं शासन द्वारा निर्धारित दर 1200 से अधिक पर इफको कंपनी का डीएपी उर्वरक बेचने की शिकायत ग्राम पतलईकलॉ, डोलरिया, बेहराखेड़ी, कलमेशरा के किसानों ने बुधवार को की थी।

शिकायत प्राप्त होते ही कलेक्टर नीरज कुमार सिंह (Collector Neeraj Kumar Singh) ने जांच दल भेजकर शिकायत की जांच कराई। जांच दल द्वारा संबंधित कृषकों के कथन लिये, जिसमें कृषकों द्वारा बिना पक्का बिल दिए एवं अधिक कीमत पर विक्रय करने संबंधी कथन अभिलिखित कराये। साथ ही किसानों द्वारा क्रय किये इफको कंपनी के डीएपी बोरी से गुणवत्ता परीक्षण हेतु नमूना लिया। संबंधित संस्था के प्रोपराइटर के पास उर्वरक विक्रय का वैध लायसेंस भी नहीं होना पाया गया। कृषि विभाग द्वारा उक्त किसान के यहां से बोरी जब्त कर गुणवत्ता परीक्षण हेतु नमूना लेकर उर्वरक प्रयोगशाला भेजा गया है।

बताया गया कि इफको कंपनी के जिला प्रबंधक के कथन अनुसार उक्त व्यक्ति कंपनी का अधिकृत विक्रता नहीं है, इफको कंपनी का डीएपी उर्वरक भी उन्हें नहीं दिया है। कृषकों को जिस बोरी में उर्वरक बेचा है, उस लाट की बोरियों का खाद विगत एक वर्ष से जिले में आया ही नहीं है, जिससे संबंधित फर्म द्वारा कालाबाजारी करके गलत तरीके से गलत खाद इफको कंपनी के नाम से कृषकों को बेचा जाना आशंकित किया है। किसानों के कथनों के आधार पर भूमि कृषि सेवा केन्द्र डोलरिया के प्रोपराइटर अजित सिंह राजपूत द्वारा वैध उर्वरक लायसेंस के बिना अनाधिकृत गोदाम से डीएपी उर्वरक शासन द्वारा निर्धारित दर से अधिक कीमत पर बेचे जाना, किसानों द्वारा बिल मांगे जाने पर बिल जारी न कर बिना बिल के विक्रय किया जाना व उर्वरक क्रय-विक्रय भंडारण संबंधी कोई दस्तावेज संधारित किया जाना नहीं पाया गया, जिस पर उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 की धारा 5, 7, 35 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 का उल्लंघन का दोषी माना गया। उर्वरक निरीक्षक एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी होशंगाबाद आरएल जैन ने डोलरिया थाने में संबंधित अवैध उर्वरक विक्रयकर्ता के विरूद्ध उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 की धारा 5, 7 एवं धारा 35 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत एफआईआर दर्ज कराई।

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