- पुल-पुलियों और रपटों पर बहाव तेज हो तो आवागमन न किया जाए
- नर्मदापुरम संभागायुक्त ने बताया कि जिले में वर्तमान में बाढ़ की स्थिति नहीं है
नर्मदापुरम। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने निर्देश दिए हैं कि वर्षा काल में प्रदेश में कहीं भी जनहानि न हो, इसके लिए सभी कलेक्टर्स अपने नेतृत्व में जिलों में प्रशासनिक अमले को दायित्व सौंपे। बाढ़ नियंत्रण कक्ष 24 घंटे कार्य करें। संबंधित अमला चैतन्य रहे और घटना-दुर्घटना के पूर्व आम जनता को आगाह भी किया जाए। अतिवर्षा या बाढ़ की चुनौती से निपटने के लिए समन्वय में कोई कमी नहीं रहना चाहिए। लोगों की जीवन रक्षा के लिए कहीं सेना की जरूरत हो तो कलेक्टर्स समय पर बताएं।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा है कि कल दिल्ली में ओल्ड राजेंद्र नगर में हुए एक हादसे में बेसमेंट क्षेत्र में पानी भरने से प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन युवाओं की असामयिक मृत्यु दु:खद और दर्दनाक है। इस घटना के प्रकाश में मध्यप्रदेश के बेसमेंट में संचालित कोचिंग केंद्रों के सर्वे के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में वर्षा की स्थिति और कुछ जिलों में बाढ़ की आशंका के संबंध में समीक्षा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आज मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अनेक जिलों के कलेक्टर्स-कमिश्नर्स से प्रदेश में अतिवर्षा की स्थिति में आवश्यक प्रबंधों के संबंध में चर्चा कर निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देश दिए कि लोक निर्माण विभाग ऐसे पुल-पुलियों की जानकारी संकलित कर, जहां दुर्घटनाएं पूर्व में हुई हैं, ऐसे रपटों और पुलों पर प्रशासन सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करें। पुलों पर पानी का भराव हो तो लोगों को न जाने दें। बांधों से पानी छोड़ें तो प्रभावित होने वाले जिलों को अलर्ट करें। तैराक दल भी ऐसे स्थानों पर उपलब्ध रहें। स्थानीय स्तर पर तालमेल रहे। जिलों और तहसीलों की परस्पर जानकारी रहे। अति वर्षा की स्थिति और बाढ़ की चुनौती से प्रशासन को निपटना है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कोई जनहानि न हो, इसके लिए सजग रहें। निरंतर मानीटरिंग होती रहे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कंट्रोल रूम की ड्यूटी वाले अधिकारी- कर्मचारी 24 घंटे चैतन्य रहें। जरूरत के अनुसार स्काउट- गाइड और सेवा भावी संस्थाओं की सेवाएं अति वर्षा की समस्या में प्राप्त करें।
जिले में वर्तमान में बाढ़ की स्थिति नहीं है
नर्मदापुरम संभागायुक्त कृष्ण गोपाल तिवारी ने मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को बताया कि वर्तमान में नर्मदापुरम एवं हरदा जिले में बाढ़ की स्थिति नहीं है, बरगी एवं बारना बांध से जब पानी छोड़ा जाएगा, जब वह जिले में पहुंचेगा तब तक सेठानी घाट के पानी का स्तर कम हो चुका होगा। अत: उक्त दोनों बांधों से पानी छोडऩे पर भी सेठानी घाट में स्थिति नियंत्रित रहेगी। दिक्कत तब होगी जब लगातार वर्षा होती रहे एवं बांध का पानी सेठानी घाट में आए। वर्तमान में जिले में लगातार वर्षा नहीं हो रही है। संभागायुक्त ने बताया कि कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने सभी तैयारियां पूर्ण कर ली हैं।
आवश्यक सेवाओं में बाधा न हो
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वर्षा के दिनों में पेयजल आपूर्ति में स्वच्छता का ध्यान रखें। आम जनता को जीवन की उपयोगी वस्तुएं बिना बाधा के मिलती रहें। आवश्यक सेवाओं को सुनिश्चित किया जाए। वर्षाकाल में उत्पन्न समस्याओं के कारण मवेशियों की मृत्यु भी हो जाती है। कहीं मृत मवेशी न रखे रहें, उनको उठवाने का कार्य समय पर किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिन पुल-पुलियों अथवा रपटों पर जल बहाव तेज हो, वहां से नागरिकों को आवागमन न करने दिया जाए। उनकी जीवन रक्षा के लिए आवश्यक तैराक दल भी ऐसी जगह पर उपलब्ध रहना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्र का जिले और तहसील से संपर्क रहे। जहां दुर्घटना की या जल भराव ज्यादा होने के आशंका है, आवश्यक ध्यान रखा जाए।
वीडियो क्रॉन्फ्रेसिंग के दौरान नर्मदापुरम जिले के एनआईसी कक्ष में संभागायुक्त कृष्ण गोपाल तिवारी, डीआईजी प्रशांत खरे, कलेक्टर सोनिया मीना, पुलिस अधीक्षक डॉ गुरूकरन सिंह, जिला पंचायत सीईओ सौजान सिंह रावत, उपायुक्त राजस्व गणेश जायसवाल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।