सतपुड़ा के जंगल बन रहे जुआरियों का सुरक्षित ठिकाना

सतपुड़ा के जंगल बन रहे जुआरियों का सुरक्षित ठिकाना

इटारसी। पथरोटा थाना(Pathrota thana) क्षेत्र के गांव और सतपुड़ा के जंगल(Satpura forest) का क्षेत्र जुआरियों(gamblers) और सटोरियों का सुरक्षित ठिकाना बन रहा है। यहां शराब के छिटपुट मामलों में तो कार्रवाई होती है। लेकिन, पथरोटा पुलिस सटोरियों और जुआरियों तक अपनी पकड़ बनाने में नाकाम हो रही है जिससे उसकी कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं। खास बात यह है कि यदि मीडिया मामला उठाता है तो उसे ही कठघरे में खड़ा कर दिया जाता है।

पिछले कुछ दिनों से पथरोटा थाना क्षेत्र में जुआरियों और सटोरियों की गतिविधियां बढ़ी हैं। खासकर शहर के कतिपय जुआरियों ने पथरोटा थाना क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में अपना ठिकाना सुरक्षित कर लिया है। अब तो आदिवासी भी इनसे परेशान होने लगे हैं। हाल ही में तिलकसिंदूर सेवा समिति(Tilakasindur service committee) से जुड़े युवा विनोद बारिवा ने भी इस मामले को सोशल मीडिया पर उठाया है। विनोद बारिवा का कहना है कि जमानी से तीन किलोमीटर तिलकसिंदूर रोड पर झालपा गांव(Jhalpa Gaon) के आसपास जंगलों में जुआ की फड़ जम रही है जिससे गांव के लोग परेशान हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि तत्काल इन जुआरियों पर कार्रवाई होना चाहिए।
पथरोटा थाना क्षेत्र में जुआ या सट्टे की खबरें लगातार आने के बावजूद उच्च अधिकारी केवल कार्रवाई करने का ही दावा करते हैं। लेकिन, कभी पथरोटा पुलिस ने ऐसे किसी बड़े जुआरी या सटोरिए के खिलाफ कोई कार्रवाई की हो, पिछले कई वर्षों से ऐसा देखने में नहीं आया है।

इनका कहना है…
हम अपना बल भेजकर पता लगाते हैं। यदि ऐसा हो रहा होगा तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी।
संतोष सिंह गौर(Santosh singh gour), एसपी(SP)

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