जयंत दुबे हत्याकांड के चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

Post by: Rohit Nage

Double life imprisonment to the accused of murder of milk dairy operator

इटारसी। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश हर्ष भदोरिया की अदालत ने ग्राम धाईं एवं सांकई निवासी जयंत दुबे की हत्या के आरोपी कमलेश विश्वकर्मा, जितेंद्र उर्फ लाला, राम जीवन तथा राहुल बरकड़े को भारतीय दंड विधान की धारा 302 / 34 एवं साक्ष्य छुपाने की धारा 201 तथा आपराधिक षड्यंत्र रचने की धारा 120 बी में दोषी पाते हुए सभी धाराओं में आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है।

सभी आरोपियों दो-दो हजार के जुर्माने एवं आरोपी जितेंद्र और लाला पर 3000 रुपए के अर्थ दंड की सजा का आदेश भी पारित किया है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर प्रत्येक धाराओं में 6 -6 माह एवं दो माह कारावास अलग से और भुगतना होगा। अपर लोक अभियोजक राजीव शुक्ला ने बताया कि 10 अक्टूबर 2020 को घर से रात्रि में 11 बजे घनश्याम दुबे का लड़का जयंत दुबे जल्दी घर आने का बोलकर गया था। 11 अक्टूबर को घर वापस नहीं आया तो आसपास तलाश के बाद थाना पथरोटा में उसकी गुमशुदी दर्ज कराई। बाद में सूचना मिली कि जयंत दुबे की लाश ग्राम सांकई के जंगल में पड़ी है। पिता ने डायल हंड्रेड पर सूचना दी एवं अपने लड़के की लाश जंगल में जाकर देखी। सीने पर पेचकस के 6-7 घाव दिखाई दे रहे थे और बाई आंख के ऊपर पत्थर से कुचलने के घाव के निशान भी दिखाई दे रहे थे।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मर्ग कायम किया एवं लाश का पंचनामा बनाकर अंतिम संस्कार हेतु परिजनों को सौंप दिया था। जांच के दौरान आरोपी कमलेश पिता फूलचंद, जितेंद्र पिता फूलचंद, रामजीवन पिता राधेलाल, लाल सिंह पिता राजू, राहुल पिता रामकेश, जितेंद्र पिता फूलचंद, भागवत पिता गुलाब सिंह तोमर को 11 अक्टूबर को जयंत दुबे के साथ सांकई जंगल में ले जाकर पुरानी रंजिश पर से एवं दारु की बात को लेकर उसके साथ मारपीट कर पेंचकस से चोट पहुंचाने और पत्थर से उसकी आंख पर चोट पहुंचाने से घायल कर उसकी हत्या कार्य करने के अपराध में गिरफ्तार किया। सभी आरोपियों को तत्काल न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया था।

न्यायालय ने आरोपी रामजीवन एवं राहुल वरकड़े को धारा 302 के तहत कमलेश जितेंद्र को धारा 302/34 रामजीवन एवं राहुल को धारा 120 बी के तहत तथा जितेंद्र उर्फ लल्ला को साक्ष्य छुपाने की धारा 201 भारतीय दंड विधान के तहत जयंत दुबे की हत्या का दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी जितेंद्र को धारा 201 के तहत 3 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं 1000 के अर्थदंड से दंडित किया है। कमलेश, जितेंद्र, रामजीवन एवं राहुल गिरफ्तारी दिनांक से ही न्यायिक अभिरक्षा में थे। न्यायिक अभिरक्षा की अवधि सजा में समायोजित करने का आदेश भी पारित किया है। शेष आरोपियों को पर्याप्त एवं ठोस साक्ष्य के अभाव में दोषमुक्त किया है। इस प्रकरण में मध्य प्रदेश शासन की ओर से एजीपी राजीव शुक्ला के साथ भूरेसिंह भदौरिया एवं एसएन चौधरी ने पैरवी की है।

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